मुंबई: गणेश चतुर्थी 22 अगस्त से शुरू हो रही है. महाराष्ट्र का गणेश महोत्सव काफी लोकप्रिय है. लेकिन इस बार महाराष्ट्र में गणेश महोत्सव काफी साधारण तरीके से मनाया जायेगा. गृह विभाग ने इस साल गणेश उत्सव को लेकर एक निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सभी मंडलों को संबंधित नगरपालिका या स्थानीय प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेनी ही होगी.
Maharashtra: State Home Department has issued a circular making it mandatory for all 'mandals' to take prior permission from the concerned municipality or local authority, for #Ganeshotsav celebrations this year. Also, the maximum idol height has been capped at 4 feet. pic.twitter.com/2cAEbcn2ep
— ANI (@ANI) July 11, 2020
जानिये गाइडलाइन में क्या है
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि इस बार गणेश महोत्सव साधारण तरीके से मनाया जायेगा. आमतौर पर गणेश पूजा में विशालकाय प्रतिमायें स्थापित की जाती हैं लेकिन इस बार प्रतिमाओं की ऊंचाई 4 फीट से ज्यादा नहीं होगी.
सार्वजनिक जगह पर गणेश महोत्सव का आयोजन करने की अनुमति नहीं मिलेगी. लोगों को घरों के अंदर ही पूजा अर्चना करने की व्यवस्था करनी होगी. पूजा के बाद मूर्तियों का विसर्जन घर के अंदर ही करें लेकिन यदि ऐसा नहीं कर सकते तो पास कोई कृत्रिम तालाब कर उसमें विसर्जन कीजिये.
लोगों से ये भी कहा गया कि लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बजाय, रक्तदान शिविर लगाने जैसा सामाजिक सेवा का काम करें. किसी पर भी गणेश महोत्सव के लिये दान करने के लिये दवाब ना डालें, बल्कि, जो लोग स्वेच्छा से दान दें, उन्हीं से काम चलायें.
लालबागचा नहीं मनायेगा गणेश उत्सव
इस बीच महाराष्ट्र के मशहूर गणपति पंडालों में शुमार लालबागचा ने फैसला किया है कि कोरोना संकट को देखते हुये इस बार गणेश महोत्सव का आयोजन नहीं किया जायेगा. लालबागचा मंडल ने फैसला किया है कि इस बार गणपति उत्सव को आरोग्य उत्सव के तौर पर मनाया जायेगा.
इसके तहत ब्लड डोनेशन कैंप लगाये जायेंगे. कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार की मदद की जायेगी. चंदे में जमा हुये पैसों को उत्सव में लगाने की बजाय सीएम रिलीफ फंड में दान किया जायेगा. गलवान वैली की हिंसा में शहीद हुये जवानों की भी मदद की जायेगी.
Posted By- Suraj Thakur