नयी दिल्ली : विशाखापट्टनम में गैस लीक होने से 11 लोगों की जान चली गयी. इस हादसे से एक हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. इस हादसे का शिकार हुए लोगों को इलाज चल रहा है लेकिन जब हादसा हुआ और बचाव कार्य जारी था तब वहां की स्थिति क्या थी इस पर आंध्र प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी से विस्तार से बातचीत की है.
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शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब गैस लीक हो रहा था तो वैसे लोग जो घरों में फंसे थे उन्हें भी सुरक्षित बाहर निकालने की जिम्मेदारी हमारे पास थी. बचावकर्मियों ने घरों के दरवाजे तोड़कर फंसे लोगों को अस्पताल पहुंचाया था. घर के अंदर ही गैस के असर के कारण लोग बेहोश हो गये थे. राज्य के डीजीपी गौतम सवांग ने बताया कि दो लोगों की मौत बेहोश होकर नाले में गिरने की वजह से हुई.
बचाव दल के अनुसार गैस लीक होने के बाद स्थिति इतनी खराब हो गयी थी कि बहुत सारे लोग सड़कों पर भी बेहोश पड़े थे. यह पूरा दृश्य हैरान करने वाला था. सभी लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया.
इस घटना में मारे गये लोगों के परिवार वालों सरकार ने आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम में गैस रिसाव की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये बतौर राहत देने की घोषणा की. घायलों को नकद सहायता प्रदान किए जाने का ऐलान किया है.
मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा, अब रिसाव बहुत कम हो गया लेकिन हम इसे पूरी तरह बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. संयंत्र के तीन किमी के दायरे से 200 से 250 परिवारों के लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
अपने बेहोश बच्चों को गोद में उठाए मदद के लिए बदहवास घूम रहे माता-पिता, सड़कों पर पड़े लोग, पीड़ितों को जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता देने की कोशिश में जुटे स्वास्थ्यकर्मी और घटनास्थल से जान बचाकर भाग रहे लोग… आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गैस रिसाव के बाद दिल दहलाने वाले इस मंजर ने 1984 भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा करा दीं. एलजी पॉलिमर्स रासायनिक संयंत्र से हुए स्टाइरीन वेपर रिसाव के बाद यह मार्मिक दृश्य देखने को मिले.