समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली याचिका पर 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई करने के लिए पांच न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की गयी है. जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, रवींद्र भट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं.

By ArbindKumar Mishra | April 15, 2023 7:08 PM

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली याचिका पर 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहे पांच न्यायाधीशों की पीरठ को अधिसूचित कर दिया है.

समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई कर रही न्यायाधीशों की टीम में ये हैं शामिल

समलैंगिक विवाह मामले में सुनवाई करने के लिए पांच न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की गयी है. जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, रवींद्र भट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने समलैंगिक विवाह का किया विरोध

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध संबंधी याचिकाओं का विरोध करते हुए मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. संगठन ने कहा है कि यह पारिवारिक व्यवस्था पर हमला है और सभी ‘पर्सनल लॉ’ का पूरी तरह से उल्लंघन है.

समलैंगिक विवाह पारिवारिक व्यवस्था पर हमला : जमीयत उलेमा-ए-हिंद

सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित याचिकाओं में हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए संगठन ने हिंदू परंपराओं का भी हवाला देते हुए कहा कि हिंदुओं में विवाह का उद्देश्य केवल भौतिक सुख या संतानोत्पत्ति नहीं बल्कि आध्यात्मिक उन्नति है. जमीयत ने कहा कि यह हिंदुओं के सोलह ‘संस्कारों’ में से एक है. उसने कहा, समलैंगिक विवाह पारिवारिक व्यवस्था पर एक हमला है.

Also Read: सिंगापुर में समलैंगिक विवाह को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की घोषणा

केंद्र ने भी समलैंगिक विवाह का किया विरोध

गौरतलब है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं का केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विरोध किया है.

आरएसएस ने समलैंगिक संबंधों की विवाह से तुलना का किया विरोध

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरित ‘आर्गेनाइजर’ पत्रिका ने समलैंगिक विवाह को कानूनी वैधता प्रदान करने का विरोध करते हुए कहा है कि वैवाहिक मुद्दों पर भारतीय परिप्रेक्ष्य को केंद्र में रखकर विचार किया जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version