अनाथालय में पले गाजी अब्दुल्ला ने पहले ही Attempt में निकाली कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस परीक्षा, नहीं ली थी कोई कोचिंग
मात्र दो साल की उम्र में अपने पिता को खो देने वाले जम्मू-कश्मीर के डोडा के गाजी अब्दुल्ला का बचपन बहुत खास नहीं था. पिता की मौत के बाद उनका बचपन श्रीनगर के बेमिना में एक अनाथालय में गुजरा. लेकिन मुश्किलों का सामना करने वालों के सामने तकदीर भी नतमस्तक हो जाती है और ऐसा ही कुछ हुआ गाजी के साथ, जिन्हें कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वीं रैंक हासिल हुआ और वो कई लोगों के प्रेरणा श्रोत बन गए हैं.
मात्र दो साल की उम्र में अपने पिता को खो देने वाले जम्मू-कश्मीर के डोडा के गाजी अब्दुल्ला का बचपन बहुत खास नहीं था. पिता की मौत के बाद उनका बचपन श्रीनगर के बेमिना में एक अनाथालय में गुजरा. लेकिन मुश्किलों का सामना करने वालों के सामने तकदीर भी नतमस्तक हो जाती है और ऐसा ही कुछ हुआ गाजी के साथ, जिन्हें कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 46वीं रैंक हासिल हुआ और वो कई लोगों के प्रेरणा श्रोत बन गए हैं.
Doda: Ghazi Abdullah, who lost his father at age of two & a half years & was raised at an orphanage, secures 46th rank in Kashmir Administrative Service exam. He says, "My stay at orphanage instilled discipline in me. The credit for my success goes to my mother." (06.10.2020) pic.twitter.com/zhoDjFCEmk
— ANI (@ANI) October 6, 2020
मां ने मुश्किलों का सामना करते हुए बड़ा किया है गाजी को
गाजी ने बताया “मेरी माँ नगीना बेगम अशिक्षित हैं और एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS) सहायक के रूप में 2,400 रुपये प्रति माह के मानदेय पर काम करती हैं। जब मैंने डोडा में रफ़ीक मेमोरियल अकादमी से कक्षा 4 वीं पास की, उसके बाद मुझे श्रीनगर के एक अनाथालय में भेज दिया गया जहाँ मैंने सात साल बिताए.”
अपना खर्च निकालने के लिए बच्चों को देने लगे ट्यूशन
गाजी ने बताया “हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं था। आज भी उन्हें ICDS हेल्पर के रूप में पैलेट्री मानदेय मिलता है। मुझे श्रीनगर में कल्याण शिक्षण संस्थान नामक अनाथालय में भेजा गया जहाँ मैंने 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई की. मैं कश्मीर डिवीजन में कक्षा 10 वीं में 10 टॉपर्स में से एक था.12 वीं के बाद मैं डोडा लौट आया और अपने खर्चों को पूरा करने के लिए निजी ट्यूशन देने लगा. मैंने अपना स्नातक जीवन विज्ञान में डोडा से किया और फिर एएमयू से वनस्पति विज्ञान में पीजी किया.
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में प्रतिष्ठित कश्मीर प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं में सफलता पाई है.
आपको बता दें अब्दुल्ला ने कभी भी कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस की परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने बताया कि उन्हें सेकेंड हैंड बुक्स और इंटरनेट पर उपलब्ध मुफ्त शैक्षणिक सामग्री से काफी मदद मिली है.
क्या है कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस परीक्षा
जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवा (JKAS) भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की सिविल सेवा है। इस पद के लिए अधिकारियों को जम्मू और कश्मीर लोक सेवा आयोग द्वारा एक परीक्षा के माध्यम से भर्ती किया जाता है, जिसे जेकेएएस परीक्षा के रूप में जाना जाता है। राज्यव्यापी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा जेकेएएस, विभिन्न प्रमुख पदों को लेती है जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की तरह एक बहुत ही गतिशील और शक्तिशाली पद है.