नई दिल्ली : नवनियुक्त थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने रविवार को कहा कि भारत की स्वतंत्रता, स्वाधीनता और समानता के लिए सेना पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये गर्व की बात है कि मुझे थल सेना के नेतृत्व का दायित्व सौंपा जा रहा है, जिसे मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करता हूं. भारतीय सेना का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, जिसने देश की सुरक्षा और अखंडता को कायम रखने के कार्य में बखूबी काम किया है.
शनिवार को भारतीय थल सेना के प्रमुख के तौर पर पदभार ग्रहण करने वाले जनरल मनोज पांडेय ने कहा कि थलसेना का देश निर्माण में उतना ही योगदान रहा है. मैं देशवासियों को आश्वासन देना चाहता हूं कि भारतीय सेना स्वतंत्रता, स्वाधीनता और समानता पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मेरी कोशिश रहेगी कि पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए अच्छे काम को मैं आगे बढ़ाऊं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहद उच्च मानक की संचालन संबंधी तैयारियों को सुनिश्चित करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.
थल सेनाध्यक्ष जनरल पांडेय ने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण एवं क्षमता विकास के मामले में मेरा प्रयास स्वदेशीकरण के माध्यम से नयी तकनीक का लाभ उठाने का होगा. मैं सेना की संचालन और कार्यात्मक दक्षता को बढ़ाने के लिए जारी सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य सेना की विभिन्न इकाइयों के बीच सहयोग और तालमेल को बढ़ावा देना होगा. थलसेना राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का अपनी सहयोगी सेवाओं के साथ मिलकर सामना करेगी.
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बताते चलें कि भारतीय सेना के अनुभवी लेफ्टीनेंट जनरल मनोज पांडेय शनिवार को देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं. इसी के साथ मनोज कुमार पांडे 29वें थल सेना प्रमुख बन गए हैं. इससे पहले 28वें थलसेना प्रमुख एमएम नरवणे थे, जो शनिवार को अपने पद से सेवानिवृत हो चुके हैं. वहीं, मनोज कुमार पांडेय कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं, जो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बने हैं.