Attempted Military Coup in 2012: केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने इस बात को खारिज किया है कि 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कोई ‘सैन्य तख्तापलट का प्रयास’ हुआ था. समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय सेना ने 16 जनवरी, 2012 को सरकार को सूचित किए बिना दो इकाइयों को नई दिल्ली की ओर बढ़ा दिया था.
एएनआई से विशेष इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि कथित सैन्य तख्तापलट संबंधी रिपोर्ट किसी ने पत्रकारिता की दुनिया में ऐसे ही कल्पना के तौर पर की थी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसी रिपोर्ट के माध्यम से सेना की छवि को धूमिल करना चाहते थे, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
उल्लेखनीय है कि आर्मी की दो प्रमुख टुकड़ियां सरकार को बताए बिना दिल्ली की ओर बढ़ीं, इसी तरह की हेडलाइन से एक रिपोर्ट 4 अप्रैल, 2012 को एक प्रमुख समाचार पत्र के फ्रंट पेज पर छपी थी. इसमें दावा किया गया कि तत्कालीन यूपीए सरकार की जानकारी के बिना सेना की दो अहम टुकड़ियां जनवरी 2012 में दिल्ली कूच कर रही थीं. तब सेना प्रमुख रहे जनरल वीके सिंह समेत सरकार ने सिरे से रिपोर्ट को खारिज किया था. उस वक्त सिस्टम का हिस्सा रही हस्तियों ने भी बाद में सैन्य तख्तापलट की ऐसी किसी कोशिश से साफ इनकार किया था.
रिपोर्ट में लिखा था कि हिसार में तैनात 33वीं आर्मर्ड डिविजिन की एक टुकड़ी दिल्ली की तरफ बढ़ी थी. मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री की एक पूरी यूनिट मोबलाइज की गई जो अपने साथ 40 से ज्यादा टैंक ट्रांसपोर्टर्स लेकर चली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, थोड़ी देर बाद आगरा में तैनात 50वीं पैरा ब्रिगेड की एक यूनिट भी दिल्ली की ओर मूव करने लगी. अखबार ने सूत्रों के हवाले से तख्तापलट की कोशिश की आशंका जताई गयी थी. हालांकि, सेना ने कहा कि यह रूटीन एक्सरसाइज थी.