भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य और जनहित से जुड़े 111 प्रोजेक्ट पर करेगा काम
समय के साथ जीएसआई ने जियो साइंटिफिक क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है. पहली बार संस्था ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में 5.9 मिलियन टन के लिथियम भंडार का पता लगाने में कामयाबी हासिल की.
नयी दिल्ली : भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) वित्त वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक स्वास्थ्य और जन कल्याण से जुड़ी 111 भू-विज्ञान सर्वे का काम शुरू करेगा. जीएसआई ने इसके लिए पांच मिशन के तहत कुल 966 मानक कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया है. इसके तहत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और उर्वरक बनाने के काम आने वाले खनिजों की खोज पर विशेष फोकस रहेगा.
फोकस के तहत आधारभूत डाटा तैयार कर खनिजों की खोज गतिविधि को तेज किया जायेगा. साथ ही जीएसआई विभिन्न राज्यों के भू-वैज्ञानिकों सहित अपने अधिकारियों एवं उसमें रूचि रखने वाले लोगों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए 115 पाठ्यक्रम संचालित करेगा.
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गौरतलब है कि समय के साथ जीएसआई ने जियो साइंटिफिक क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है. पहली बार संस्था ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में 5.9 मिलियन टन के लिथियम भंडार का पता लगाने में कामयाबी हासिल की और साथ ही 50 और मिनरल ब्लॉक का पता लगाया. इसके लिए जीएसआई वर्ष 2018-19 से ही सर्वे का काम कर रहा था. वर्ष 1851 में स्थापित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दुनिया के सबसे पुराने सर्वेक्षण संस्थाओं में से एक है.