कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. इसके कारण कारोबार ठप हो गया है. इस कठिन दौर में पैसों की कमी भी हो रही है. आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए लोग पर्सनल लोन, गोल्ड लोन और अपनी एफडी पर लोन ले रहे हैं, जहां उन्हें ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है. पर इससे बचने का एक उपाय है. अगर आपके पास पीपीएफ का खाता है तो आप यहां से मात्र एक फीसदी ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं. ब्याज की यह दर वाकई अन्य प्रकार के लोन से इसे काफी सस्ता बनाती है.
किन्हें मिलेगा लोन
जिन पीपीएफ खाताधारकों का खाता पीपीएफ खाता खुलवाने के तीसरे साल से लेकर सातवें साल तक है, वो लेन के लिए आवेदन दे सकते हैं. तीसरे साल से आपको दो साल में जमा राशि का अधिकतम 25 फीसदी लोन मिल सकता है. हालांकि, जितनी राशि का लोन लिया जाता है, उसको चुकाए नहीं जाने तक कोई ब्याज नहीं मिलता है। 2020 से पहले तक पीपीएफ पर लोन लेने के लिए खाताधारक को 2 फीसदी ब्याज चुकाना पड़ता था, पर इसे घटाकर एक फीसदी कर दिया है. पीपीएफ खाता से लोन के लिए अपने बैंक में आवेदन देना होगा. आपको इसके लिए कुछ और दस्तावेज नहीं रखने होंगे.
लोन लेने से पहले इस बात का रखें ध्यान
जानकारों का कहना है कि अगर बहुत मजबूरी हो तो तभी इस विकल्प का चुनाव करें और भी छोटी अवधि के लिए कम-से-कम राशि निकालें. पीपीएफ अकाउंट पर लिए गये लोन की सालाना ब्याज दर एक फीसदी है. लेकिन, इस बात को ध्यान में रखना होगा कि लोन लेने के बाद टैक्स में छूट की सुविधा खत्म हो जाती है. कारण है कि जब तक ब्याज सहित मूल रकम वापस नहीं की जाती है तब तक किसी ब्याज का भुगतान नहीं होता है. जब ब्याज ही नहीं मिलेगा तो टैक्स में छूट भी नहीं मिलेगी. टैक्स में छूट का फायदा तब तक नहीं मिलेगा जब तक लोन की राशि और ब्याज पूरा खत्म नहीं हो जाता है.
कैसे सस्ता है पीपीएफ लोन
बैंको या दूसरे स्त्रोत से लोन लेने के मुकाबले में पीपीएफ काफी सस्ता लोन होता है. पर्सनल लोन पर 9.30 फीसदी से 14 फीसदी तक ब्याज देना पड़ता है. गोल्ड लोन पर 9.10 से 12 फीसदी तक ब्याज देना पड़ता है. वहीं एफडी पर मिलने वाले लोन पर दो फीसदी ब्याज चुकाना पड़ता है. जबकि पीपीएफ लोन के लिए सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है.
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