कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने पुरानी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधियों से मिलने और बातचीत करने से किसी का डीएनए बदल नहीं जाता है. कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा था कि आजाद का रिमोट कंट्रोल पीएम मोदी के पास है. अब इस बयान पर भी आजाद ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया है.
आजाद ने कांग्रेस पर कसा तंज
आजाद ने कहा, 22 राजनीतिक दलों के सांसदों ने (राज्यसभा से मेरी विदाई के समय) भाषण दिया था, लेकिन सिर्फ उसी बात का उल्लेख किया गया जो प्रधानमंत्री ने की थी. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, अगर आप दूसरे राजनीतिक दलों के लोगों से मिलते हैं और उनसे बात करते हैं तो इससे आपका डीएनए नहीं बदल जाता है. राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह पंरपरा है कि जब सदन के सदस्यों का कार्यकाल पूरा होता है तो सभी दलों के नेता इस मौके पर अपनी बात रखते हैं. उनका यह भी कहना था कि समय के साथ भारत की मिलीजुली संस्कृति बदल गई. आजाद ने कहा, हिंद और मुसलमान साथ रहते हैं…यह असामान्य बात नहीं है कि हिंदू अरबी और मुसलमान गीता का अध्ययन करते हैं. यही भारत की मिलीजुली संस्कृति रही है.
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आजाद पर कांग्रेस ने क्या लगाया था आरोप
पिछले दिनों आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी नेतृत्व खासकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था. इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि आजाद का रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है और उनका डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है.
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद आजाद करेंगे रविवार को पहली जनसभा
कांग्रेस से करीब पांच दशक पुराना नाता तोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद रविवार को जम्मू से नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे. वह अपनी पार्टी की पहली इकाई स्थापित करेंगे. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी ने बताया कि कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में आजाद की पहली जनसभा की तैयारियां पूरी हो चुकी है. संभावना है कि 73 वर्षीय आजाद इस जनसभा में अपनी राजनीतिक पार्टी गठित करने की घोषणा करेंगे. आजाद के समर्थन में पूर्व उप मुख्यमंत्री, आठ पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, नौ विधायक और बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थान के सदस्यों, नगर निकाय पार्षदों और जमीनी कार्यकर्तओं ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है.