कांग्रेस बोली- गुलाम नबी आजाद दिखा रहे अपना असली चरित्र और मोदी के प्रति वफादारी
कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की निंदा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी पर उनके बयान संसद में उनके द्वारा दिये गये भाषण के बिल्कुल विपरीत हैं. प्रधानमंत्री की तारीफ कर वह अपने आपको ही बेनकाब कर रहे हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पूर्व कांग्रेस नेता और सांसद गुलाम नबी आजाद पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया और कहा, हर बीतते दिन के साथ, गुलाम नबी आजाद अपने असली चरित्र और पीएम मोदी के प्रति अपनी वफादारी का प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं केवल यह कह सकता हूं कि वह दयनीय हैं.
कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने की गुलाम नबी आजाद की निंदा
कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की निंदा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी पर उनके बयान संसद में उनके द्वारा दिये गये भाषण के बिल्कुल विपरीत हैं. प्रधानमंत्री की तारीफ कर वह अपने आपको ही बेनकाब कर रहे हैं. कांग्रेस ने कहा, आजाद के बयान, जिनमें वह तारीफ कर मोदी सरकार को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं, यह हृदय परिवर्तन ऐसे समय शुरू हुआ जब राज्यसभा में उनका लंबा कार्यकाल समाप्ति की ओर था.
आजाद ने क्या दिया था बयान
पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए मोदी की भूरि-भूरि प्रशंसा की थी. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख आजाद ने कहा था कि कांग्रेस अब भी रिमोट कंट्रोल द्वारा चलायी जा रही है और आरोप लगाया था कि अनुभवहीन चापलूसों की नयी जमात चीजें संभाल रही है.
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"With every passing day, Ghulam Nabi Azad falls to new depths to demonstrate his true character and his loyalty to PM Modi. I can only say that he is pathetic," tweets Congress general secretary in-charge communications Jairam Ramesh https://t.co/dJDS3Ta8q4 pic.twitter.com/ael17IGjKI
— ANI (@ANI) April 10, 2023
राहुल गांधी की वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी
अनुभवी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी प्राथमिक कारण थे जिनकी वजह से उन्होंने एवं कई अन्य ने कांग्रेस को छोड़ा. उन्होंने दावा किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में रहने के लिए ‘रीढ़विहीन’ होने की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि अब न ही कांग्रेस संसदीय पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के हाथ में और न ही कांग्रेस अध्ययन मल्लिकार्जुन खरगे के हाथ में है कि वे चाहकर भी पार्टी में उनकी वापसी करा दें.