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कांग्रेस को G-23 का झटका : गुलाम नबी आजाद ने प्रचार समिति का अध्यक्ष बनने से किया इनकार

गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया. पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है.

नई दिल्ली/जम्मू : कांग्रेस को पार्टी के बागी गुट जी-23 की ओर से करारा झटका लगा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को केंद्रशासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव को ठुकरा दिया. जम्मू-कश्मीर में संगठन में सुधार के तौर पर सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद के करीबी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को अपनी जम्मू-कश्मीर इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया. आजाद कांग्रेस के ‘जी 23’ के प्रमुख सदस्य हैं. यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है और एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करते आया है.

पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई में फेरबदल

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया. पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है. नियुक्तियों को सार्वजनिक किए जाने के कुछ घंटे बाद सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि आजाद ने गांधी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. हालांकि, वानी ने गुलाम अहमद मीर की जगह ली है जिन्होंने आठ साल तक इस पद पर रहने के बाद जुलाई में इस्तीफा दे दिया था.

सोनिया गांधी ने बनाई समिति

कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया ने गुलाम अहमद मीर का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनके स्थान पर रसूल वानी को अध्यक्ष नियुक्त किया। आजाद के करीबी माने जाने वाले वानी प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और बानिहाल से विधायक रह चुके हैं. बयान में कहा गया है कि सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के लिए चुनाव अभियान समिति और राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) समेत सात समितियों का भी गठन किया.

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विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कर रही तैयारी

पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लिए समन्वय समिति, घोषणापत्र समिति, प्रचार एवं प्रकाशन समिति, अनुशासन समिति और प्रदेश चुनाव समिति का भी गठन किया है. जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान खत्म किये जाने के बाद से ही विधानसभा अस्तित्व में नहीं है. परिसीमन का काम संपन्न हो चुका है. फिलहाल सरकार की तरफ विधानसभा चुनाव की तिथि को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही हैं.

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