कांग्रेस को तगड़ा झटका देने की तैयारी में गुलाम नबी आजाद, राजनीति में जल्द ही ले सकते हैं कोई बड़ा फैसला

आजाद ने आरोप लगाया कि समाज में 90 फीसदी बुरी चीजों के लिए राजनेता जिम्मेदार हैं, जो अपने वोट बैंक के लिए जनता को बांटते हैं. साथ ही, उन्होंने संदेह जताया कि कोई राजनीति इसमें बदलाव ला सकती है या नहीं?

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2022 8:41 AM

जम्मू : भारतीय राजनीति वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के बागी नेताओं के समूह जी-23 की अगुआई करने वाले गुलाम नबी आजाद कांग्रेस को तगड़ा झटका देने की तैयारी में जुट गए लगते हैं. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान कई बड़े फैसले लेने वाले गुलाम नबी आजाद सक्रिय राजनीति में बड़ा फैसला लेने के संकेत दिए हैं. उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर समाज सेवा करने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा है कि हमें समाज में बदलाव लाना है. कभी-कभी मैं सोचता हूं, और यह कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं.

कभी भी संन्यास लेने का कर सकते हैं ऐलान

समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, रविवार को जम्मू में आयोजित एक समारोह के दौरान कहा, ‘हमें समाज में बदलाव लाना है. कभी-कभी मैं सोचता हूं, और यह कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं.’ उनके इस बयान के बाद यह कयास लगने शुरू हो गए हैं कि उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेकर समाज सेवा करने के संकेत दे दिए हैं और आने वाले दिनों में वे कभी भी सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर सकते हैं.


पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर साधा निशाना

इसके साथ ही, गुलाम नबी आजाद ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का हवाला देते हुए उन्होंने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि तीन दशक से भी लंबे पाकिस्तान-प्रायोजित आंतकवाद ने जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी विशेष धर्म से जोड़ना बिल्कुल गलत है. घाटी में 1990 के दौरान कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के रिलीज होने के बाद से इसे लेकर जनता के ध्रुवीकृत विचार सामने आने के साथ ही सिनेमा हॉल में सांप्रदायिक नारेबाजी की घटनाएं भी सामने आई हैं.

Also Read: चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में बगावती सुर तेज, गुलाम नबी आजाद के घर पर हुई जी-23 की बैठक
सामाजिक फसाद के लिए राजनेताओं को बताया जिम्मेदार

इसके अलावा आजाद ने आरोप लगाया कि समाज में 90 फीसदी बुरी चीजों के लिए राजनेता जिम्मेदार हैं, जो अपने वोट बैंक के लिए जनता को बांटते हैं. साथ ही, उन्होंने संदेह जताया कि कोई राजनीति इसमें बदलाव ला सकती है या नहीं? कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू ही केवल एकमात्र स्थान है, जहां जम्मू-कश्मीर के सभी 22 जिलों के और लद्दाख के लोग रह रहे हैं. महात्मा गांधी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक धर्म का सच्चा अनुयायी गांधी जैसा सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष होता है, जबकि एक बनावटी अनुयायी बहुत खतरनाक है.

Next Article

Exit mobile version