Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस में 50 साल रहने के बाद गुलाम नबी ने पार्टी, राहुल गांधी से क्यों मांगी आजादी?

Ghulam Nabi Azad Resign: गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी को भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2022 10:05 PM

Ghulam Nabi Azad Resign: कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई है. सियासी गलियारों में चर्चा गरम है कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से बाहर निकलने का दिन अच्छी तरह से और बहुत सोच-समझकर चुना है. दरअसल, कांग्रेस में 50 साल का लंबा वक्त गुजारने के बाद गुलाम नबी की आजादी ने पार्टी को ऐसी हालत में लाकर छोड़ दिया है, जहां वह ना सिर्फ कई टुकड़ों में बिखरी हुई है, बल्कि पार्टी में कई सियासी गांठें भी हैं.

गुलाम नबी आजाद का सियासी सफर

गुलाम नबी आजाद ने पहली बार लोकसभा चुनाव उस वक्त लड़ा, जब इंदिरा गांधी ने उन्हें बुलाया और एक कश्मीरी को महाराष्ट्र जाकर चुनाव लड़ने के लिए कहा था. वे कभी ना नहीं कह सकते थे, इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. इसी के बाद से आजाद को कांग्रेस और गांधी परिवार का कट्टर वफादार माने जाने लगा था. कांग्रेस में बहुत ही कम ही ऐसे नेता है, जिन्होंने इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक और फिर सोनिया गांधी के साथ काम करते हुए बड़ी आसानी से उनकी कार्यशैली में खुद को ढाल लिया. इन नेताओं की सूची में आजाद का नाम भी शामिल था. हालांकि, राहुल गांधी इकलौते ऐसे व्यक्ति रहे, जिनके साथ वह कभी सहज नहीं थे.

राहुल व उनकी टीम के साथ असहज थे आजाद!

वहीं, राहुल गांधी के साथ उनकी ट्यूनिंग को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गुलाम नबी आजाद ने बीते दिनों कहा था कि यह मान लेना गलत है कि वह पीढ़ी के अंतर और बदलाव की वजह से राहुल व उनकी टीम के साथ असहज थे. क्योंकि जब राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने पार्टी का कार्यभार संभाला, तो वहां भी वही पीढ़ीगत बदलाव था.

कांग्रेस पर आजाद ने लगाया बड़ा आरोप

कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले पार्टी के जी-23 वरिष्ठ नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया. आजाद ने नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पार्टी को भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए थी. बता दें कि जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे पार्टी छोड़ने वाले अधिकांश लोगों और गुलाम नबी आजाद ने अपने पत्र में जो लिखा है, उसमें कुछ समानताएं हैं. इन सभी ने इस बात का जिक्र किया है कि गांधी परिवार खासकर राहुल गांधी तक अब उनकी पहुंच नहीं है या फिर वे उनसे काफी कोशिशों के बाद भी संपर्क करने में नाकाम रहे हैं.

मुझे सिर्फ सम्मान चाहिए था: आजाद

न्यूज-18 से बातचीत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं 1977 से इस पार्टी के साथ हूं और पार्टी के लिए काम किया है. यह कहना गलत है कि मुझे कुछ चाहिए. मैंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. मैं केवल सम्मान था. इसके अलावा मैं यह भी चाहता था कि राहुल गांधी मेरे साथ खड़े रहे. उन्होंने मुझे बैठकों में अपमानित किया. मैंने पार्टी के लिए शुभकामनाएं दीं. हमारे सुझाव पार्टी की भलाई के लिए थे. जानकारी के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में राहुल गांधी पर पार्टी के भीतर परामर्श तंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चापलूसों की नई मंडली पार्टी के मामलों में दखल देने लगी.

Also Read: Ghulam Nabi Azad Resign: गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 5 पूर्व विधायकों ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा

Next Article

Exit mobile version