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जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू नये CAG नियुक्त, राजीव महर्षि की लेंगे जगह

Girish Chandra Murmu, former Lt Governor, Jammu and Kashmir, new CAG जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को नया नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) नियुक्त किया गया है. मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. उल्लेखनीय है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के रूप में सेवाएं दी थीं. 1985 बैच के गुजरात कॉडर के पूर्व आईएएस ऑफिसर गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर चुने गए थे.

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को नया नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) नियुक्त किया गया है. मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. उल्लेखनीय है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के रूप में सेवाएं दी थीं. 1985 बैच के गुजरात कॉडर के पूर्व आईएएस ऑफिसर गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर चुने गए थे.

गौरतलब हो कि आज ही पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया. वह पहले राजनेता हैं, जिन्हें इस केन्द्र शासित प्रदेश का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. विज्ञप्ति में राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति ने मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया है. पदभार संभालने के दिन से यह नियक्ति प्रभावी होगी.

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इससे पहले 1985 बैच के आईएएस अधिकारी मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. मुर्मू का इस्तीफा ऐसे दिन आया है, जब (पूर्ववर्ती राज्य) जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने का एक वर्ष पूरा हुआ है. गुजरात कैडर के 60 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी ने पिछले साल 29 अक्टूबर को इस केन्द्र शासित प्रदेश के प्रथम उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था.

वहीं अगर मनोज सिन्हा के बारे में बात करें तो उनका जन्म एक जुलाई 1959 को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के मोहनपुर में हुआ था. वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े गांवों के विकास के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं. ‘विकास पुरुष’ के नाम से विख्यात सिन्हा का राजनीतिक करियर 1982 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र संघ का अध्यक्ष चुने जाने के साथ शुरू हुआ.

वह 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. सिन्हा तीन बार लोकसभा सदस्य रहे हैं. वह 1996 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और उन्होंने 1999 में दोबारा जीत हासिल की. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तीसरी बार जीत दर्ज की. इसी साल भाजपा ने केंद्र की सत्ता में वापसी की. सिन्हा ने 2016 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर संचार मंत्रालय संभाला.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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