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Glacier Burst in Chamoli : तपोवन सुरंग के मलबे हटाने के लिए लायी गयी नयी मशीन, जल्द ही बेली ब्रिज शुरू करने का दावा

Glacier Burst in Chamoli, Uttarakhand, Tapovan Tunnel : देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर के कारण आयी प्राकृतिक आपदा के कारण ऋषिगंगा और धौली गंगा में उफान आ गया था. करीब सात दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है. वहीं, जिलाधिकारी ने भी शनिवार को राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. इधर, सेना ने बेली ब्रिज को हुए नुकसान के बाद जल्द ही शुरू करने का दावा किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2021 2:43 PM

देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी को ग्लेशियर के कारण आयी प्राकृतिक आपदा के कारण ऋषिगंगा और धौली गंगा में उफान आ गया था. करीब सात दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है. वहीं, जिलाधिकारी ने भी शनिवार को राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. इधर, सेना ने बेली ब्रिज को हुए नुकसान के बाद जल्द ही शुरू करने का दावा किया है.

जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में तपोवन सुरंग के लिए नयी मशीन लायी गयी है. इस मशीन के जरिये आगे की ड्रिलिंग की जायेगी. अभी तक छोटी सुरंग के अंदर से मलबे को हटाने के लिए खुदाई की गयी. अब बड़ी सुरंग के लिए काम शुरू किया जा रहा है.

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदोरिया ने भी शनिवार को मौके पर पहुंच कर राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि लापता 204 लोगों में 38 के शव बरामद कर लिये गये हैं. अभी तक दो लोगों को जीवित पाया गया है. वहीं, एनटीपीसी ने कहा है कि सुरंग के अंदर अभी तक 136 मीटर तक खुदाई की गयी है. खुदाई करनेवालों को भी रैनी गांव में रखा गया है. मालूम हो कि कल वहां एक शव पाया गया था.

सीमा सड़क संगठन के कर्नल ब्रिजेंद्र एस सोनी ने शनिवार को कहा कि बेली ब्रिज पर काम तीव्र गति से हो रहा है. इसे हम जल्द ही शुरू कर सकते हैं. बाद में चमोली को जोड़ने के लिए स्थायी पुल बनायेंगे. उन्होंने कहा कि ब्रिज एक इंजीनियरिंग चुनौती है. पहले यहां मलबा था. अब पुल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन, हम इस पुल को जल्द ही शुरू करेंगे

इधर, चेन्नई स्थित गरुड़ एयरोस्पेस ने चमोली हादसे में राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए एनडीआरएफ को ड्रोन मुहैया कराया है. मुख्य परिचालन अधिकारी सैम कुमार ने कहा कि एनडीआरएफ ने गरुड़ को आपदा में साथ काम करने के लिए चुना है. उन्होंने कहा कि इससे पहले कोविड के दौरान स्वच्छता के लिए ड्रोन भेजे थे.

मालूम हो कि उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से जिले में बाढ़ आ गयी थी. यहां एसडीआएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.

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