Global hunger Index 2020: भारत की रैंकिंग में सुधार लेकिन अभी भी 14 फीसदी आबादी कुपोषित
Global hunger Index 2020 नयी दिल्ली : ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 (Global hunger Index 2020) की रिपोर्ट आ गयी है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत (India) की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी भारत अपने पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है. 107 देशों की लिस्ट में भारत 94 नंबर पर है. जबकि पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देश भारत से आगे हैं. पिछले साल इस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 102 थी. इस साल की रिपोर्ट में 27.2 अंक के साथ भारत भूख के मामले में गंभीर स्थिति में है.
Global hunger Index 2020 नयी दिल्ली : ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 (Global hunger Index 2020) की रिपोर्ट आ गयी है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत (India) की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी भारत अपने पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है. 107 देशों की लिस्ट में भारत 94 नंबर पर है. जबकि पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देश भारत से आगे हैं. पिछले साल इस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 102 थी. इस साल की रिपोर्ट में 27.2 अंक के साथ भारत भूख के मामले में गंभीर स्थिति में है.
नाइजीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया, मोजाम्बिक, रवांडा आदि ऐसे देश हैं जो भारत से नीचे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 14 फीसदी लोग कुपोषण के शिकार हैं. भारत का पड़ोसी चीन इस रिपोर्ट में 25वें पायदान पर है, जबकि नेपाल और पाकिस्तान क्रमश: 73वें और 88वें पायदान पर हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी होने के बाद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल ने कहा कि भारत का गरीब भूखा है और सरकार अपने मित्रों की जेब भरने में लगी है. ‘राहुल ने ट्विट किया, भारत का गरीब भूखा है क्योंकि सरकार सिर्फ अपने कुछ खास ‘मित्रों’ की जेबें भरने में लगी है.’ राहुल गांधी ने पहले भी कहा है कि यह सरकार अडाणी, अंबानी की सरकार है.
Also Read: खाने की बर्बादी पर टेंशन में पीएम मोदी, हम भारतीय 40 प्रतिशत अनाज कर देते हैं बेकार, एक रिपोर्ट
ग्लोबल हंगर इंडेक्स हर साल जारी होता है. इसमें जिस देश का स्कोर ज्यादा होता है उसे रैकिंग में नीचे रखा जाता है, जबकि कम स्कोर वाले देशों को ऊपर जगह दिया जाता है. हंगर इंडेक्स को देश के लोगों को खाने में मिलने वाली कैलोरी के आधार पर तैयार किया जाता है. इसका लक्ष्य है कि 2030 तक पूरा विश्व जीरो हंगर हो जाए. मतलब सभी को पौष्टिक आहार मिले.