पणजी : गोवा में आंतरिक कलह और आपस गुटबाजी की वजह से कांग्रेसी विधायकों के बगावती तेवर पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दो टूक कहा कि कांग्रेस की बगावत से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले रविवार से गोवा में कांग्रेस के 11 विधायकों में से पांच विधायकों से संपर्क स्थापित नहीं हो रहा है. विधायकों से संपर्क नहीं होने पर कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा की ओर से धनबल का प्रयोग उसके विधायकों को भड़काया जा रहा है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल में बगावत से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. मंगलवार को विधानसभा परिसर के बाहर मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता प्रमोद सावंत से राज्य कांग्रेस के नवीनतम घटनाक्रम को लेकर सवाल पूछा. जवाब में सावंत ने कहा कि मैं फिर दोहराता हूं कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) में बगावत से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने किसी और प्रश्न का उत्तर नहीं दिया और वे आगे बढ़ गए.
मालूम हो कि रविवार को गोवा के कुल 11 कांग्रेस विधायकों में से पांच के साथ कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था, जिससे पार्टी में फूट की अटकलों को हवा मिल गई. हालांकि, इन विधायकों ने सोमवार से शुरू हुए राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में हिस्सा लिया और दावा किया कि विपक्षी दल में कुछ भी गड़बड़ नहीं है. कांग्रेस के 10 विधायक सोमवार रात पणजी में पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी शामिल हुए.
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कांग्रेस के पांच विधायकों (माइकल लोबो, दिगंबर कामत, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो) से रविवार को संपर्क न हो पाने की खबरों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वासनिक से फौरन गोवा जाने के लिए कहा था. कांग्रेस ने लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री कामत पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ‘साजिश रचने और मिलीभगत’ करने का आरोप लगाया था, ताकि पार्टी के विधायक दल में फूट डाली जा सके. कांग्रेस ने लोबो को 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से भी हटा दिया था.