गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग तेज हो चुकी है. पिछली बार प्रदेश में सरकार बनाने से चूक गई कांग्रेस इस बार फूंक-फूंककर कदम रख रही है. कांग्रेस पर्यवेक्षक पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान कर देने से गोवा विधानसभा चुनावों में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. आगे उन्होंने कहा कि गोवा में इस बार भाजपा किसी भी कांग्रेस विधायक को अपने पाले में नहीं कर सकती, ‘चोर’ अब भी हैं लेकिन लोग ‘उन्हें सबक सिखाएंगे.’
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए गोवा में कांग्रेस पर्यवेक्षक पी. चिदंबरम ने कहा कि ‘छोटे दल’ आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस गोवा में गैर-भाजपा मतों को बांट रहे हैं, उनके लगभग सभी उम्मीदवार अन्य दलों को छोड़कर आए लोग हैं. पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गोवा की आजादी में ‘विलंब’ करने के भाजपा के आरोप पर चिदंबरम ने कहा कि यह इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का एक और हताशाजनक प्रयास है.
भाजपा वर्तमान में गोवा में अपने 23 विधायकों के साथ शासन कर रही है क्योंकि चार विधायकों – माइकल लोबो, अलीना सल्दान्हा, कार्लोस अल्मेडा और प्रवीण जांटे – ने पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. भाजपा और कांग्रेस के अलावा, टीएमसी और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई अन्य दल 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेंगे.
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गोवा की बात करें तो यहां 21 सीटें जीतने वाली पार्टी सरकार बना लेती है लेकिन पिछली बार कोई भी पार्टी इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें जीती थीं और भाजपा के खाते में 13 सीट गई थी. इसके अलावा एनसीपी 01, गोवा फारवर्ड पार्टी 03 और 03 निर्दलीय जीते थे. नतीजे आने के बाद काफी असंमजस की स्थिति रही, क्योंकि कोई पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नजर नहीं आ रही थी. लेकिन अंत में सरकार भाजपा ने बना ली.
Posted By : Amitabh Kumar