उत्तर प्रदेश में रिवरफ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की अलग- अलग टीमों ने देश के कई इलाकों में छापेमारी की है जिनमें मुख्य रूप से लखनऊ, गाजियाबाद और देहरादून के 17 जिलों में छापेमारी की है, इसके साथ- साथ सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की है. 42 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा है.
इस मामले में सीबीआई ने दर्जन भर से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर किया है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा जिन जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की है उनमें मुख्य रूप से नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान यह घोटाला हुआ था और इस मामले में जांच ने रफ्तार पकड़ ली है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोमती नदी पर बने इस रिवरफ्रंट की खूब तारीफ की थी और सपा सरकार की बड़ी महत्वकांक्षी योजनाओं में एक थी.
इस मामले को लेकर जांच तब शुरू हुई जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार साल 2017 में आयी. इस मामले को लेकर जांच शुरू हुई तो कई सरकारी अधिकारी भी घेरे में आ गये. कई अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुआ है. इस मामले की जांच ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है और सीबीआई लगातार कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.
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इस मामले में 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है इसके साथ – साथ मनी लांड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया है. सीबीआई के साथ- साथ इस मामले की जांच पर्वतन निदेशालय भी कर रही है. इस मामले में सिर्फ सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किये थे.