अमित शाह के बंगाल पहुंचने से पहले ही शुभेंदु अधिकारी को ‘जेड’ श्रेणी की वीआइपी सुरक्षा और बुलेटप्रूफ कार

Suvendu Adhikari, Bengal Chunav, Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लेने वाले शुभेंदु अधिकारी के लिए शुक्रवार को अच्छी खबर आयी है. उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा के साथ-साथ बुलेटप्रूफ कार भी मिलेगी. जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का तो बाकायदा गृह मंत्रालय ने फैसला भी कर लिया है. जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके मुताबिक, बंगाल के बाहर जाने पर शुभेंदु को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2020 7:44 PM

कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लेने वाले शुभेंदु अधिकारी के लिए शुक्रवार को अच्छी खबर आयी है. उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा के साथ-साथ बुलेटप्रूफ कार भी मिलेगी. जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का तो बाकायदा गृह मंत्रालय ने फैसला भी कर लिया है. जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके मुताबिक, बंगाल के बाहर जाने पर शुभेंदु को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी.

पश्चिम बंगाल के कम से कम 6 जिलों की 80 सीटों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से नाराजगी के बाद पहले ममता बनर्जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया. फिर उन्होंने विधानसभा की सदस्यता छोड़ी और गुरुवार को आखिरकार तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी से पूरी तरह से नाता तोड़ लिया. इसके बाद से ही चर्चा है कि वह अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को भाजपा में शामिल हो जायेंगे.

पूर्वी मेदिनीपुर जिला के नंदीग्राम विधानसभा सीट से विधायक रहे शुभेंदु ने नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार की थी. बाद में उन्होंने जंगलमहल में तृणमूल कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभायी. सूत्रों की मानें, तो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की कार्यशैली से नाराजगी के बाद शुभेंदु ने धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी.

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हालांकि, तृणमूल कांग्रेस शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने के मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का दिखावा कर रही है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने इसकी भरपाई के लिए मंथन शुरू हो गया है. ममता बनर्जी की सबसे बड़ी चिंता यह है कि मुकुल रॉय और अर्जुन सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के बाद शुभेंदु का जाना संगठन को काफी कमजोर कर देगा. मुकुल और अर्जुन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव में तृणमूल को भाजपा के सामने मुंह की खानी पड़ी थी.

अब जबकि विधानसभा चुनाव 2021 में शुभेंदु भी पार्टी में नहीं रहेंगे, तृणमूल कांग्रेस का संगठन छिन्न-भिन्न हो जायेगा. इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं. कई जिलों के पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों ने संकेत दे दिये हैं कि शुभेंदु के जाने के बाद वे उनके साथ रहेंगे, तृणमूल कांग्रेस के साथ नहीं. उल्लेखनीय है कि शनिवार (19 दिसंबर) को मेदिनीपुर में एक जनसभा होगी, जिसमें शुभेंदु अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि शुभेंदु अधिकारी और उनका पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है. शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं. डॉ मनमोहन सिंह के नेतृकत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में वह ग्रामीण विकास राज्यमंत्री थे. इस वक्त वह तृणमूल के सांसद हैं. शुभेंदु भी विधायक और सांसद रहे हैं.

मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के बाद शुभेंदु को ममता बनर्जी के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो का नेता माना जाता था. बाद में उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गयी कि उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि तृणमूल कांग्रेस के साथ अब काम कर पाना असंभव है. शुभेंदु वर्ष 2006 में पहली बार विधायक बने थे. वर्ष 2009 और 2014 में सांसद चुने गये. वर्ष 2016 में फिर विधानसभा चुनाव लड़े और राज्य के परिवहन मंत्री बने. ममता बनर्जी ने अपने विश्वासपात्र शुभेंदु को कई और अहम जिम्मेदारियां भी दी थीं. उनके पिता और भाई अब भी तृणमूल में ही हैं.

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Posted By : Mithilesh Jha

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