केदारधाम और बदरी नाथ समेत चारधाम यात्रा करने वालों के लिए खुशखबरी, अब रोजाना 4 हजार से अधिक लोग कर सकेंगे दर्शन
चारधामों के यात्रा पथ पर जयकारों की गूंज बढ़ रही है. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने प्रतिदिन दर्शन के लिए तय संख्या को बढ़ा दिया है. अब 4500 अतिरिक्त तीर्थयात्री प्रतिदिन यात्रा में शामिल हो सकेंगे. बोर्ड ने चारधामों में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार से यह व्यवस्था लागू हो गई है.
संवाद न्यूज एजेंसी
देहरादून : चारधामों के यात्रा पथ पर जयकारों की गूंज बढ़ रही है. देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने प्रतिदिन दर्शन के लिए तय संख्या को बढ़ा दिया है. अब 4500 अतिरिक्त तीर्थयात्री प्रतिदिन यात्रा में शामिल हो सकेंगे. बोर्ड ने चारधामों में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए हैं. सोमवार से यह व्यवस्था लागू हो गई है.
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के लिए बढ़ते रुझान देखकर रोजाना यात्री संख्या बढ़ा दी गई है. उसी के हिसाब से व्यवस्थाएं भी बढ़ाई गई हैं. उम्मीद है कि आने वाले वीकेंड के साथ नवरात्र और दशहरा में भी तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ेगी. चारधाम के लिए ई-पास जरूरी है, यह व्यवस्था सख्ती से लागू है.
अब बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में एक दिन में 3-3 हजार, गंगोत्री में 900 और यमुनोत्री में 700 तीर्थयात्री दर्शन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में संख्या 1200 से बढ़ाकर 3000, केदारनाथ में 800 से बढ़ाकर 3000, गंगोत्री में 600 से बढ़ाकर 900 और यमुनोत्री में 450 की संख्या बढ़ाकर 700 की गई है. इससे तीर्थयात्रियों में उत्साह बढ़ेगा.
95 हजार जारी किए गए ई-पास
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, एक जुलाई से अब तक लगभग 95 हजार ई-पास जारी किए गए हैं, इनमें से 50 हजार तीर्थ यात्री चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं. सरकार की तीर्थयात्रियों के लिए कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट और क्वारंटीन होने की शर्त हटाने से तीर्थ यात्रियों की संख्या लागातर बढ़ रही है. कई यात्री ऐसे भी हैं, जो बिना ई-पास के ही दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
तीर्थयात्रियों ने महसूस की अव्यवस्था
केदारनाथ धाम में तीर्थयात्री अव्यवस्था की शिकायत कर रहे हैं. यात्रियों के ठहरने की कमी के कारण यहां पहुंचे लोगों को कमरों के बरामदे और खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही है. धाम में यात्रियों को रात में ठहरने की व्यवस्था सिर्फ जीएमवीएन के पास है, जो नाकाफी साबित हो रही है. पैदल यात्रा करने वालों के लिए बनाए गए पड़ावों की स्थिति भी अच्छी नहीं हैं. सरकार द्वारा यात्रा के पूर्ण संचालन के निर्णय से बीते दो दिनों में 5 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं, जबकि कपाटोद्घाटन के बाद बीते 5 महीने में सिर्फ 10 हजार श्रद्धालु ही आए थे. इस बार उत्साह अधिक है.
Posted By : Vishwat Sen