14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत में कोरोना वैक्सीन पर बड़ी खबर, ऑक्सफोर्ड टीके का नहीं दिखा कोई साइड इफेक्ट

Good News, Oxford Corona Vaccine भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने कहा है कि जिन दो लोगों को ऑक्सफोर्ड की ओर से बनाया गया कोविड-19 का टीका लगाया गया था उनके स्वास्थ्य संबंधी अहम मानक सामान्य हैं.

पुणे : भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने कहा है कि जिन दो लोगों को ऑक्सफोर्ड की ओर से बनाया गया कोविड-19 का टीका लगाया गया था उनके स्वास्थ्य संबंधी अहम मानक सामान्य हैं.

अस्पताल की ओर से एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशिल्ड टीके का पहला ‘शॉट’ 32 वर्ष एवं 48 वर्ष के दो व्यक्तियों को बुधवार को लगाया गया था.

एक अधिकारी ने बताया कि इसकी खुराक (डोज) एक महीने बाद दोहरायी जाएगी. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सा उप निदेशक डॉ जितेंद्र ओस्वाल ने कहा, कल से हमारा चिकित्सा दल दोनों लोगों के संपर्क में है और वे दोनों ठीक हैं. टीकाकरण के बाद उन्हें दर्द, बुखार, इंजेक्शन का कोई दुष्प्रभाव या और कोई तकलीफ नहीं है.

Also Read:
Coronavirus in india: भारत ने अगस्त में अमेरिका-ब्राजील को पीछे छोड़ा, अब कोरोना की रफ्तार सबसे बड़ी परेशानी

उन्होंने बताया कि बुधवार को टीका लगाने के बाद दोनों पर आधे घंटे तक नजर रखी गई, उसके बाद ही उन्हें घर जाने दिया गया. डॉ. ओस्वाल ने कहा, उन्हें सभी आवश्यक नंबर दिए गए थे जिन पर आपात स्थिति में संपर्क साधा जा सकता है. हमारी मेडिकल टीम भी उनके साथ लगातार संपर्क में है.

अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. संजय ललवानी ने बुधवार को कहा कि दोनों व्यक्तियों को एक महीने के बाद टीके की एक और खुराक दी जाएगी तथा अगले सात दिन में 25 लोगों को यह टीका लगाया जाएगा.

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके का मानव पर दूसरे चरण का परीक्षण पुणे में बुधवार 26 अगस्त से शुरू हो गया है. इस टीके का विनिर्माण यहां स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा किया जा रहा है. भारती विद्यापीठ के मेडिकल कॉलेज, अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के मेडिकल निदेशक डॉ संजय लालवानी ने कहा, दूसरे चरण का परीक्षण 100 स्वयंसेवियों पर देश में कुछ स्थानों पर होगा.

उन्होंने कहा, इन 100 परीक्षणों में सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होना सुनिश्चित होने पर , 1500 लोगों को अगले चरण में देश भर में संभावित टीका लगाया जाएगा और शरीर में एंटीबॉडी बनने की निगरानी की जाएगी. यदि एंटीबॉडी बनती है तो टीका उपलब्ध कराये जाने की संभावना है. एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट द्वारा ब्रिटिश-स्वीडिश औषधि कंपनी एस्टाजेनेका के सहयोग से विकसित संभावित टीका बनाने लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें