दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उपायों पर पर्यावरण मंत्री ने की बैठक, गोपाल राय ने दी यह सलाह
गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंदर यादव से आग्रह किया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सीएनजी आधारित सार्वजनिक वाहन चलाये जायें.
नयी दिल्ली: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) में दिवाली पर पटाखा जलाने पर बैन लगाने की मांग की है. साथ ही कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी आधारित सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंदर यादव के साथ दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के पर्यावरण मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता गोपाल राय ने गुरुवार को ये बातें कहीं.
गोपाल राय ने बैठक में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंदर यादव से आग्रह किया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सीएनजी आधारित सार्वजनिक वाहन चलाये जायें. केंद्रीय मंत्री के साथ हुई इंटर-स्टेट एवं इंटर-मिनिस्टीरियल को-ऑर्डिनेशन मीटिंग में पड़ोसी राज्यों ने कहा कि पराली को जलाने की बजाय बायो-डीकंपोजर का प्रयोग शुरू करने के लिए वे तैयार हैं, लेकिन इसको लेकर एक्शन प्लान का अभाव है.
To curb vehicular pollution, we've requested Union Environment Minister to facilitate CNG-powered public transport in NCR. We've also demanded that firecrackers should be banned around Diwali in neighbouring states also: Delhi Environment Minister Gopal Rai pic.twitter.com/taZAhwZyzu
— ANI (@ANI) September 23, 2021
मीटिंग के दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंदर यादव ने राज्य सरकारों से कहा कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने जो सुझाव दिये हैं, राज्यों के एक्शन प्लान में वह फलीभूत हो रहा है. एक्शन प्लान का परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि राज्यों की सरकारें उसे कितनी सफलतापूर्वक लागू करती हैं.
Also Read: दिल्ली को अक्तूबर-नवंबर में प्रदूषण से मिलेगी राहत, केजरीवाल सरकार ने उठाये कई कदम
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंदर यादव ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने की कार्य योजना पर दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान की सरकारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी थी.
भूपेंदर यादव ने बैठक के बारे में कहा कि पराली जलाने, धूल, निर्माण कार्य, बायोमास जलने तथा वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए राज्यों की कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा तैयार समग्र ढांचे के तहत हर राज्य द्वारा तैयार कार्य योजना में समन्वय और तालमेल दिखता है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हर साल ठंड के मौसम में पर्यावरण संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं. देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो जाती हैं. लोगों को घुटन महसूस होने लगती है. सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं. बार-बार दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य की हवा की गुणवत्ता को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
पड़ोसी राज्यों को कठघरे में खड़ा करतीरही है दिल्ली सरकार
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार अपने यहां बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराती रही है. केजरीवाल कहते हैं कि पंजाब के किसान खेत में ही पराली जला देते हैं. पंजाब का धुआं दिल्ली की हवा को प्रदूषित करता है और इसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ता है.
राज्यों को मुफ्त डीकंपोजर देगी केंद्र सरकार
पूसा की बायो डीकम्पोजर तकनीक के उपयोग की योजना के संबंध में यादव ने कहा कि यह हरियाणा में किसानों को एक लाख एकड़ भूमि के लिए मुफ्त दिया जायेगा तथा दिल्ली में धान की खेती वाले 4,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में इसका उपयोग किया जायेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को 6.1 लाख एकड़ भूमि पर उपयोग के लिए बायो डीकम्पोजर के 10 लाख कैप्सूल मुफ्त दिये जायेंगे. पंजाब को करीब 7,413 एकड़ भूमि के लिए कैप्सूल दिये जायेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha