केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को अनुमति प्रदान कर दी. शुक्रवार को गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे लोगों-जैसे कि प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों को अब विशेष ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है. इधर , एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए प्रवासी कामगारों को ले जाने के लिये रेलवे राज्यों से किराया वसूलने का काम करेगा.
Also Read: Lockdown Extension: मोदी सरकार ने दो हफ्ते और बढ़ाया लॉकडाउन, जानें अब क्या खुलेगा क्या नहीं
रेलवे अधिकारी के अनुसार, स्लीपर मेल एक्सप्रेस ट्रेन का किराया 30 रुपये लिया जाएगा. 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. इसमें लंबी दूरी की ट्रेनों में भोजन और पीने का पानी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि, यात्रियों को टिकट खरीदने की आवश्यकता नहीं है. किराये का भुगतान राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा.
रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि उसकी सभी यात्री रेल सेवाएं 17 मई तक स्थगित रहेंगी. इस दौरान हालांकि बंद के कारण फंसे प्रवासियों और अन्य लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. रेलवे ने एक बयान में कहा, “कोविड-19 के मद्देनजर उठाये गये कदमों को जारी रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि भारतीय रेलवे की सभी यात्री ट्रेन सेवाओं का संचालन 17 मई 2020 तक रद्द रहेगा. हालांकि, विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी कामगारों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों की आवाजाही ‘श्रमिक विशेष ट्रेन’ के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी जैसा की राज्य सरकारों की जरूरत हो. इस दौरान गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा.” इसमें कहा गया कि मालगाड़ियों का संचालन अभी की तरह जारी रहेगा.आपको बता दें कि सरकार ने शुक्रवार को लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है.
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इसके लिए राज्य और रेलवे बोर्ड आवश्यक प्रबंध करेंगे.” ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन में कुछ समस्याएं आने का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को फिर से पत्र लिखकर दोहराया है कि खाली वाहनों सहित ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन के लिए अलग से किसी पास की जरूरत नहीं है.
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे अन्य लोगों के आवागमन को रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों के माध्यम से अनुमति है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय आवागमन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करेगा.
Also Read: Lockdown3 में नहीं चलेगी रेल, स्कूल-कॉलेज भी बंद, रेड जोन पर प्रतिबंध जारी, आरेंज में कैब को अनुमति
गृह सचिव ने कहा, ‘‘रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा.” दिल्ली, मुंबई, अन्य शहरों तथा ग्रीन जोन में सोमवार से परिवहन आवागमन पर प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि किसी को भी गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने देश में लॉकडाउन स्थिति से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के योगदान को भी रेखांकित किया.