सरकार ने फंसे हुए लोगों को शर्तों के साथ आवाजाही की अनुमति दी

कोरोना संकट को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और अन्य लोगों को बुधवार को शर्तों के साथ उनके गंतव्य स्थान तक जाने की अनुमति दे दी.

By Pritish Sahay | April 30, 2020 1:21 AM

नयी दिल्ली : कोरोना संकट को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है. देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और अन्य लोगों को बुधवार को शर्तों के साथ उनके गंतव्य स्थान तक जाने की अनुमति दे दी. इस तरह विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों का अपने-अपने घर पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है. गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें. मतलब यह कि अब हर राज्य दूसरे राज्यों में फंसे अपने नागरिकों को ला सकता है.

आदेश में साफ कहा गया है कि फंसे लोगों के समूहों को ले जाने के लिए सिर्फ बसों का इस्तेमाल होगा, जो संबंधित राज्य सरकारें करेंगी. इस दौरान सामाजिक दूरी समेत स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य नियमों का पालन अनिवार्य होगा. इस संबंध में राज्यों को भेजे आदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं. उन्हें अपने गंतव्य पर जाने की सशर्त इजाजत दी मिलेगी. मगर राज्यों को इसके लिए नोडल अफसर नियुक्त करने होंगे. नोडल अफसर अपने राज्यों में फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे. बसों के संचालन को लेकर व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.

साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई संक्रमित यात्रा नहीं कर पाये. इसलिए गंतव्य तक भेजने से पहले स्क्रीनिंग जरूरी होगी. गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर वहां के स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उन पर नजर रखेंगे. समय समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच जरूरी होगी. गृह मंत्रालय का गाइडलाइन आप ऐसे पहुंच सकते हैं अपने घर

स्टेज-1 -फंसे लोग व्यक्तिगत स्तर पर गृह राज्य में जाने का इंतजाम नहीं कर सकते -सिर्फ राज्य सरकारों की तरफ से इंतजाम किये गये बसों पर निर्भर रहना पड़ेगा -आवागमन के लिए ट्रेनें और प्लेन नहीं चलेंगे

स्टेज-2 -यदि राज्य सरकार बस भेजती है, तो जहां रुके हैं, वहां के लोकल नोडल अफसर के पास जाना होगा -इस नोडल अफसर के पास गृह राज्य जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा -रजिस्ट्रेशन के बाद कोरोना जांच होगी, संक्रमण के लक्षण नहीं मिलने पर ही घर जाने की इजाजत होगी

स्टेज-3-कोरोना जांच में पास होने के बाद सरकार द्वारा इंतजाम किये गये बस में बिठाया जायेगा – बस में एक व्यक्ति को दूसरे से दूर बैठना होगा और यात्रा में किसी से घुलना-मिलना नहीं होगा

स्टेज-4 -गृह राज्य पहुंचने पर बस से उतरते ही स्वास्थ्य जांच होगी -सब ठीक-ठाक रहा तो कुछ दिनों तक अकेले रहना होगा -यदि जांच में ठीक नहीं पाये जाते हैं, तो सीधे अस्पताल भेजा जायेगा

आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा, ताकि स्वास्थ्य पर नजर रहे : राज्यों को करना होगा यह काम -राज्यों को फंसे लोगों को रवाना करने और बुलाने के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाना होगा -सभी राज्यों को नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगे -जिन-जिन राज्यों के बीच लोगों आवाजाही होनी है, वहां नोडल अफसर का आपस में संपर्क जरूरी -आवाजाही के लिए के लिए उपयोग में लाये गये बसों को सैनिटाइज करना जरूरी होगा – गंतव्य स्थल पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी लोगों पर नजर रखेंगे -इन लोगों पर लगातार नजर रखनी होगी, समय -समय पर इनकी स्वास्थ्य जांच करनी होगी

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