13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिलायत से आने वाली कोरोना वैक्सीन पर कस्टम ड्यूटी माफ कर सकती है सरकार, मई तक भारत आ जाएगा रूसी टीका

कोरोना वैक्सीनेशन को 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए खोलने से पहले यह फैसला किया जा सकता है. समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन चालू अप्रैल महीने या मई महीने तक भारत में आने वाली है, जबकि मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने भी भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए आवेदन किया है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विशेषज्ञों, चिकित्सा विशेषज्ञों और दवा निर्माता कंपनियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करने के बाद 1 मई 2021 से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगाने का फैसला किया है. उम्मीद की जा रही है कि कोरोना वैक्सीन का 1 मई से शुरू होने वाले अगले चरण की शुरुआत के पहले देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी का भी आयात पूरा हो जाएगा. ऐसे में, सूत्रों की ओर से बताया यह जा रहा है कि भारत में दूसरे देशों से आयात होने वाले कोरोना के टीकों पर केंद्र सरकार कस्टम ड्यूटी पूरी तरह से माफ कर सकती है. फिलहाल, आयातित वैक्सीन पर सरकार की ओर से 10 फीसदी की दर से कस्टम ड्यूटी वसूली जाती है.

समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कोरोना वैक्सीनेशन को 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए खोलने से पहले यह फैसला किया जा सकता है. समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन चालू अप्रैल महीने या मई महीने तक भारत में आने वाली है, जबकि मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने भी भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए आवेदन किया है.

फिलहाल, दूसरे देशों से आने वाली वैक्सीन पर सरकार की ओर से 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी या इम्पोर्ट ड्यूटी, 16.5 फीसदी आईजीएसटी और सेस की वसूली करती है. यही वजह है कि भारत में आयात होने वाली वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक के टीकों के मुकाबले महंगे हो जाएंगे.

पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से एजेंसी ने खबर दी है कि कस्टम ड्यूटी माफ करने पर विचार किया जा रहा है. एक दूसरे सूत्र ने कहा कि इस बारे में सरकार की ओर से बहुत जल्द ही फैसला किया जा सकता है. सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को रोकने के लिए आयातित वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की अनुमति दी थी.

सूत्रों ने कहा कि वैक्सीन पर ड्यूटी में छूट की चर्चा पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी, जब फाइजर जैसे विदेशी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने भारत में अपने टीकों की आपूर्ति के लिए आवेदन किया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और उसकी अप्रत्यक्ष कर संग्रह शाखा ने ड्यूटी माफी के प्रभाव को लेकर कुछ प्रारंभिक गणना की थी, लेकिन जब तक सरकार आयातित वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी नहीं देती, तब तक इस बारे में किसी फैसले को टाल दिया गया.

बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा था कि 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 से रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे. इसके साथ ही, सरकार ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से इसकी खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी है.

Also Read: वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 4,500 करोड़ देगी सरकार, वित्त मंत्रालय ने दी मंजूरी

Posted by : Vishwat Sen

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें