भारत ने फ्रांस के साथ अपने राफेल डील में ऑफसेट नियमों को पूरा करने में देरी और वादों को पूरा नहीं किए जाने पर जुर्माना लगाया है. भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों का अनुबंध साल 2016 सितंबर में हुई थी. रक्षा के सूत्रों ने बताया कि मिसाइल निर्माता MBDA पर जुर्माना लगाया गया है. MBDA दसॉल्ट एविएशन के बनाए राफेल जेट के लिए हथियार पैकेज की आपूर्ति करता है. ऑफसेट नियमों के तहत दसॉल्ट और MBDA को भारतीय रक्षा क्षेत्र में अनुबंध राशि के 30 फीसदी निवेश को अनिवार्य किया था. बता दें कि डिफॉल्ट आयुध की बड़ी कंपनियों पर लगाम लगाने के तहत नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत ही यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि भारत ने फ्रांस के साथ समझौते के अलावा दसॉल्ट के साथ एक बड़ा ऑफसेट डील और अपने सहयोगी एमबीडीए के साथ एक छोटा डील किया था. इस सौदे में कहा गया था कि अनुबंध राशि का 50 फीसदी यानी करीब 30 हजार करोड़ रुपए भारत को ऑफसेट या दोबारा निवेश के लिए वापस गिरवी रखना होगा.
सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि एमबीडीए पर सितंबर 2019-सितंबर 2020 से पहले लागू वर्ष में अपने ऑफसेट दायित्वों के निर्वहन में चूक की थी जिसके बाद यह जुर्माना लगाया गया है. वहीं कैग की एक रिपोर्ट में इस तथ्य की आलोचना हुआ थी कि राफेल सौदे में ऑफसेट का अधिकतम निर्वहन सातवें वर्ष के लिए एमबीडीए की तरफ से 57 फीसदी और दसॉल्ट की तरफ से 58 फीसदी निर्धारित है.
कैग की रिपोर्ट की मानें तो राफेल ही नहीं 2015 से लेकर अब तक कई मामलों में इस नीति के तहत तय लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सका है. पहले समझौता पूरा नहीं होने पर विदेशी कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान नहीं था. वहीं, अब ऑफसेट प्रतिबध्दताओं को पूरा नहीं करने पर जुर्माना लगाने का फैसला सरकार ने किया है. जिसे बेहद अहम समझा जा रहा है.