लॉकडाउन से उपजे हालात का प्रभाव कम करने के लिये एक और पैकेज पर विचार कर रही सरकार
सरकार ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद की संभावित स्थिति पर विचार करना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिये सरकार एक और राहत पैकेज पर विचार कर रही है ताकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की दिशा में आगे बढ़ा जा सके
नयी दिल्ली : सरकार ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद की संभावित स्थिति पर विचार करना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिये सरकार एक और राहत पैकेज पर विचार कर रही है ताकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की दिशा में आगे बढ़ा जा सके
हालांकि इस दिशा में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह कहा. एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उन मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है जो कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन उठने के बाद सामने आ सकते हैं. एक पैकेज पर विचार किया गया है लेकिन इस बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि खपत को फिर से तेज किया जाये, इसलिये इस दिशा में कुछ उपाय करने की जरूरत होगी. यदि सरकार की तरफ से किसी पैकेज की घोषणा होती है तो यह सरकार की तरफ से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की दिशा में तीसरी अहम पहल होगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा करने से कुछ घंटे पहले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं और व्यावसायियों के लिये कुछ राहत उपायों की घोषणा की थी. इसके दो दिन बाद ही गरीबों और वंचितों को सहारा देने के लिये वित्त मंत्री ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण राहत पैकेज की घोषणा की.
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि वह कुछ कल्याणकारी और अन्य सरकारी योजनाओं को लॉकडाउन बाद की स्थिति के मुताबिक बेहतर बनाने की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई तरह के विकल्प सामने हैं.
विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति और अधिछात्रवृति, रबी मौसम की फसलों की कटाई जैसे कई मुद्दे उसके समक्ष हैं और सरकार उन्हें एक – एक कर देख रही है. प्रधानमंत्री ने विभिन्न पहलों पर विचार के लिये 10 उच्चाधिकार अधिकारप्राप्त समूहों का गठन किया था. इनमें से एक समूह को आर्थिक उपायों के बारे में सुझाव देने का काम दिया गया था.