-
हिंसा भाषा और सीन के आधार पर सोशल मीडिया की कैटेगरी बनेगी
-
देश में 44.8 करोड़ यूट्यूब यूजर हैं जबकि 41 करोड़ फेसबुक यूजर हैं
-
तीन महीने के अंदर लागू होगा गाइडलाइंस
सोशल मीडिया भारत में आयें और अपना व्यापार करें और लोगों को मजबूत करें, लेकिन अगर सोशल मीडिया का दुरुपयोग होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इसलिए हम सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म और न्यूज पोर्टल के लिए गाइडलाइंस लेकर आये हैं. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए तीन स्तर का मैकनिज्म बनेगा. कंपनियों को नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और हर महीने शिकायत और कार्रवाई का रिपोर्ट देना होगा. हिंसा भाषा और सीन के आधार पर सोशल मीडिया की कैटेगरी बनेगी.
चूंकि सोशल मीडिया की कैटेगरी बनेगी इसलिए जो सार्थक या महत्वपूर्ण सोशल मीडिया होंगे उन्हें तीन अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी जो सोशल मीडिया पर निगरानी करेगा और शिकायतों पर कार्रवाई करेगा. जिसमें चीफ कंप्लायंस आफिसर (chief compliance officer), नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन (nodal contact person) और रेजिडेंट ग्रेवांस आफिसर (resident grievance officer) की नियुक्ति करनी होगी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नफरत और हिंसा फैलाने वाली खबर कहां से फैलायी गयी है इसकी जानकारी देनी होगी. अगर खुराफात बाहर से हुई है तो भारत में उसे किसने शुरू किया यह जानकारी भी देनी होगी. अगर कोई कानून के विरुद्ध पोस्ट है तो आपको उसे हटाना पड़ेगा. हम तीन महीने में इस गाइडलाइंस को पूरी तरह लागू करेंगे.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि हमारे सामने कई ऐसी शिकायतें आयी हैं जिसमें यह बताया गया है कि सोशल मीडिया में निजता का उल्लंघन हो रहा है. कई ऐसी तसवीरे प्रसारित की जा रही हैं, जो आपत्ति जनक है. हमें ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि देश के खिलाफ और देश को अशांत करने वाली ताकतें भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. सोशल मीडिया का आतंकी भी इस्तेमाल कर रहे हैं और नफरत फैलाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है.हमारे देश में 44.8 करोड़ यूट्यूब यूजर हैं जबकि 41 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं. इसका हम स्वागत करते हैं.
OTT platforms पर निगरानी के लिए भी तीन स्तर के मैकनिज्म का इस्तेमाल किया जायेगा. OTT platforms और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपना डिटेल शेयर करना होगा. हम रजिस्ट्रेशन की बात नहीं कर रहे बस सूचना मांग रहे हैं. उक्त बातें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कही. उन्होंने कहा कि OTT platforms को अपना कंटेंट 13 साल से अधिक, 16 साल से अधिक और ए कैटेगरी में लाना होगा. बच्चे गलत कंटेंट ना देखें इसके लिए उन्हें लॉक की व्यवस्था करनी होगी.
Posted By : Rajneesh Anand