कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था की को भी तगड़ा झटका लगा है. इसी संकट को उभारने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बेल आउट पैकेज की घोषणा कर सकती है. बेल आउट पैकेज में किस सेक्टर में कितना खर्च होगा, कितना पैकेज होगा इन्हीं सब बातों पर सरकार के शीर्ष स्तर पर बात चीत चल रही है.
सरकार द्वारा गठित कोविड-19 इकोनॉमिक रेस्पोंस टास्क फोर्स में भी बेल आउट पैकेज देने पर सैद्धांतिक सहमति है. इसके लिए पीएम मोदी उद्योग जगत और सेलिब्रिटियों से दान पैकज की अपील कर सकते हैं. फिलहाल तो किस क्षेत्र को कितना नुकसान पहुंचा है बेल आउट की रकम कितनी होगी इस बात की पड़ताल की जा रही है.
सरकार के सूत्रों के अनुसार बेलआउट पैकेज की घोषणा कभी भी हो सकती है. विभिन्न क्षेत्रों को संकट से उबारने के लिए टास्क फोर्स की रिपोर्ट से सरकार भी सहमत है. और वैसे भी वित्त मंत्री पहले कह चुकी है कि कोरोना से निपटने के लिए कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी बेहद अहम है.
अब तक भारत के किसी उद्योगपति या सेलिब्रिटी इस संक्रामक बीमारी से निपटने के हाथ आगे नहीं बढ़ाया है. सिर्फ वेदांता के अनिल अग्रवाल ने 100 करोड़, फिल्म निर्माता मनीष कुंद्रा ने तीन करोड़ और आनंद महिंदा ने वेंटिलेटर बनाने में मदद की घोषणा की है. सरकार चाहती है और भी उद्योगपति इसके लिए सामने आए और लोगों की मदद के लिए कुछ करें. इसके लिए पीएम मोदी ने खुद अपील कर सकते हैं. आपको बता दें कि क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कल अपने संसद निधि से 50 लाख रुए देने की घोषणा की है
वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स कमेटी ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव क्या प्रभाव पड़ा है इसका अध्ययन किया है. इस अध्ययन में विभिन्न क्षेत्रों को हुए अलग-अलग नुकसान का आकलन किया गया है. आकलन के बाद ही टास्क फोर्स में बेलआउट पैकेज देने पर सैद्धांतिक सहमति बनी. इसके बाद सरकार में शीर्ष स्तर पर मंथन का दौर शुरू हुआ. गौरतलब है कि भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.