कोविशील्ड के दो डोज के बीच का अंतर फिर घटा सकती है सरकार, विशेषज्ञ समूह कर रहा समीक्षा

नयी दिल्ली : भारत सरकार की ओर से गठित टीकाकरण विशेषज्ञ समूह कोविशील्ड (Covishield) की दूसरी खुराक के अंतराल को कम करने का विचार कर रहा है. दो डोज के बीच का अंतराल बढ़ाकर जो 12 सप्ताह किया गया है उसकी भी समीक्षा की जा रही है. एक शीर्ष सरकारी विशेषज्ञ ने शुक्रवार को कहा कि कई देशों के नये वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का सिंगल डोज कोरोनावायरस के डेल्टा (Coronavirus Delta) वेरिएंट पर प्रभावी नहीं है जो पूरे देश में फैल चुका है. इससे पहले सरकार ने विदेश यात्रा करने वालों के लिए अंतराल घटाकर फिर से 28 दिन कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2021 7:52 AM

नयी दिल्ली : भारत सरकार की ओर से गठित टीकाकरण विशेषज्ञ समूह कोविशील्ड (Covishield) की दूसरी खुराक के अंतराल को कम करने का विचार कर रहा है. दो डोज के बीच का अंतराल बढ़ाकर जो 12 सप्ताह किया गया है उसकी भी समीक्षा की जा रही है. एक शीर्ष सरकारी विशेषज्ञ ने शुक्रवार को कहा कि कई देशों के नये वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का सिंगल डोज कोरोनावायरस के डेल्टा (Coronavirus Delta) वेरिएंट पर प्रभावी नहीं है जो पूरे देश में फैल चुका है. इससे पहले सरकार ने विदेश यात्रा करने वालों के लिए अंतराल घटाकर फिर से 28 दिन कर दिया है.

यूके के एक डेटा में बताया गया कि वैक्सीन की प्रभावकारिता दर उन लोगों में 35 फीसदी से कम हो गई, जिन्होंने वैक्सीन की केवल पहली डोज ली है और और वे डेल्टा वेरिएंट के संपर्क में आए. इसके बाद कई विशेषज्ञों ने सरकार से 12 सप्ताह के अंतराल को कम करने का आग्रह किया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नवीनतम डेटा पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ के श्रीनाथ रेड्डी द्वारा तैयार किया गया है.

हालांकि सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि वैक्सीन के दो डोज के बीच का अंतर के वल इस आधार पर नहीं घटाया जा सकता कि किसी देश से ऐसे डेटा आ रहे है. यह रातोंरात करने वाली प्रक्रिया नहीं है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि यह डेटा परिवर्तनशील वायरस के संदर्भ में तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि हमें यह सुझाव प्राप्त हुआ है कि अंतराल को घटाकर फिर से 8 सप्ताह कर दिया जाए. सरकार इस पर विचार भी कर रही है.

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डॉ पॉल ने कहा कि हमारे एनटीएजीआई (भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए. यह एक प्रक्रिया है. ऐसा ही यूके में भी किया गया है. पहले यूके में इसे 12 सप्ताह में दे रहे थे और हम दूसरी खुराक कम अंतराल पर दे रहे थे क्योंकि हमारे विशेषज्ञों ने महसूस किया कि अंतराल को बढ़ाना सुरक्षित नहीं था. निर्णय वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर किये जाते हैं.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) स्थानीय रूप से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड -19 AZD1222 वैक्सीन ब्रांड नाम कोविशील्ड के तहत भारत में बना रहा है. भारत में अभी तीन ही वैक्सीन टीकाकरण का हिस्सा हैं. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पूतनिक-V और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड. इसमें कोविशील्ड का अंतराल ही सबसे ज्यादा 12 सप्ताह है. चार सप्ताह के प्राइम-बूस्ट रेजिमेन का उपयोग करके इस टीके का परीक्षण किया गया था. लेकिन यूके के वास्तविक विश्व डेटा ने दिखाया कि दूसरी खुराक में 8-12 सप्ताह की देरी होने पर यह बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है.

Posted By: Amlesh Nandan

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