आजादी के बाद देश में जाति आधारित जनगणना नहीं हुईं, नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा
नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में सदन को बताया कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के अलावा अन्य जातियों की कभी भी जनगणना नहीं करायी गयी है
आजादी के बाद देश में जाति आधारित जनगणना कभी कराई ही नहीं गयी, सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजातियों की जनगणना हुई है. यह जानकारी गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दी.
आजादी के बाद नहीं हुई जाति आधारित जनगणना
नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में सदन को बताया कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के अलावा अन्य जातियों की कभी भी जनगणना नहीं करायी गयी है. देश में जाति आधारित जनगणना की मांग लगातार की जा रही है.
नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं
नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि कोविड 19 के कारण 2021 की जनगणना को स्थगित कर दिया गया है. अब तक, सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है.
Government of India has not enumerated caste wise population other than SCs and STs in Census since independence: MoS Home Nityanand Rai said in a written reply to Lok Sabha on an unstarred question of whether govt is considering for caste-based Census
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— ANI (@ANI) February 8, 2022
अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना होती रही है
नित्यानंद राय ने बताया कि देश में समय -समय पर अनुसूचित जाति और जनजाति की जनगणना की जाती रही है. उन्होंने सदन को बताया कि सरकार ने भारत की जनगणना 2021 की कवायद के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी है.
देश में 52 फीसदी आबादी ओबीसी की
गौरतलब है कि कुछ दिनों से बिहार और उत्तर प्रदेश के नेता जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जाति आधारित जनगणना की मांग की है. मंडल कमीशन की रिपोर्ट में यह कहा गया था कि देश में 52 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है, यही वजह है कि नेतागण जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी तक इस मांग पर राजी होती नजर नहीं आ रही है.
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