विदेशों से 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन मंगा रही है भारत सरकार, इन 12 राज्यों में पहले पहुंचाने की होगी कोशिश
मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केद्र सरकार इसकी कमी दूर करने के लिए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीन विदेश से आताय करेगी. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और जल्दी ही सरकार टेंडर जारी कर विदेशी कंपनियों को डील के लिए आमंत्रित करेगी.
देश में जैसे – जैसे संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है जरूरी चीजों की किल्लत भी सामने आ रही है. देश के कई राज्यों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और कई जरूरी दवाओं की खबरें लगातार आ रही है. अब केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि इनमें से कुछ की कमी वह विदेशों से पूरी करेगी.
मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केद्र सरकार इसकी कमी दूर करने के लिए 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीन विदेश से आताय करेगी. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और जल्दी ही सरकार टेंडर जारी कर विदेशी कंपनियों को डील के लिए आमंत्रित करेगी.
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इस संबंध में गुरुवार को जानकारी दी गयी है जिसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए 50 हजार मिट्रिक टन ऑक्सीजन विदेशों से लाने का फैसला लिया गाय है.
इन ऑक्सीजन की पूर्ति किन राज्यों में की जायेगी इसकी भी तैयारी कर ली गयी है. 12 राज्यों की एक सूची तैयार की गयी है जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर पहले ऑक्सीजन दिया जायेगा . विदेश मंत्रालय को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वह उन कंपनियों की तलाश करे जो समय पर आयात कर सके.
जिन 12 राज्यों तक यह ऑक्सीजन की खेप पहुंचेगी उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को शामिल किया गया है. यह ऐसे राज्य है जहां संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है औ इन्हें संसाधन की जरूरत है.
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ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां के हालात और खराब हो रहे हैं ऐसे में केंद्र सरकार ने इन राज्यों को प्राथमिकता सूची में रखा है. ऑक्सीजन का इस्तेमाल सही जगह हो इसका भी ध्यान रखने की अपील केंद्र सरकार ने की है देश में रोजाना तकरीबन 7 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता ऐसे समय में जब आपात स्थिति हो देश में और ऑक्सीजन की आवश्यकता है