घर पर अखबार पहुंचाने संबंधी मामले पर कोर्ट ने मांगा महाराष्ट्र सरकार से जवाब
कोरोनावायरस महामारी के संकट की वजह से घर घर समाचार पत्र डालने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सर्कुलर के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा.
नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के संकट की वजह से घर घर समाचार पत्र डालने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सर्कुलर के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा.
न्यायमूर्ति एन डब्लू सांब्रे की एकल पीठ ने महाराष्ट्र यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स और नागपुर यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से जवाब मांगााा.
इन संगठनों ने 18 अप्रैल के सर्कुलर को चुनौती दी. राज्य सरकार के इस आदेश में कहा गया है कि समाचार पत्रों की बिक्री स्टाल पर हो सकती है लेकिन तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुये अखबार वितरकों को घर घर जाकर इसे देने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
भाषा के अनुसार इस सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका में सरकार के आदेश को मनमाना, अनुचित और संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला बताा गया है. याचिका में राज्य सरकार के इस सर्कुलर को रद्द करनेका अनुरोध किया गया है न्यायमूर्ति सांब्रे ने याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव , सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशक को नोटस जारी किये. इन सभी को दो दिन के भीतर अपने जवाब दाखिल करने हैं। इस याचिका पर अब 23 अप्रैल को आगे सुनवाई होगी.