कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को 9 महीने बाद लगनी चाहिए वैक्सीन, NTAGI ने सरकार से की सिफारिश

नयी दिल्ली : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझते भारत में 18 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन (Corona Vaccine) के डोज लगाये जा चुके हैं. सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेटेड करने की मुहिम में जुटी हुई है. इस बीच एक सरकारी पैनल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) को सिफारिश भेजी है कि जो लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो गये हैं, उन्हें ठीक होने के 3 से 9 महीने बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए. राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने इस प्रस्ताव को अप्रूवल के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेजा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2021 1:22 PM
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नयी दिल्ली : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझते भारत में 18 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन (Corona Vaccine) के डोज लगाये जा चुके हैं. सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेटेड करने की मुहिम में जुटी हुई है. इस बीच एक सरकारी पैनल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) को सिफारिश भेजी है कि जो लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो गये हैं, उन्हें ठीक होने के 3 से 9 महीने बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए. राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने इस प्रस्ताव को अप्रूवल के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेजा है.

पिछले सप्ताह इसी समूह के उस प्रस्ताव के मंजूरी दे दी गयी है, जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के दो डोज के बीच 12 से 16 सप्ताह का अंतराल रखने की बात कही गयी थी. सरकार ने इसको लेकर एडवायजरी भी जारी कर दी है कि अब कोविशील्ड की पहले डोज और दूसरे डोज के बीच 12 से 16 सप्ताह का अंतर रखा जायेगा. मार्च में ही इस अंतर को 28 दिन से बढ़ाकर सरकार ने 6 से 8 सप्ताह किया था.

इस मामले को देख रहे एक सरकार अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि सरकार के पास एक ऐसा प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं उन्हें कुछ ज्यादा समय के बाद ही टीके की पहली खुराक लगायी जाए. इन्होंने यह भी बताया कि प्रस्ताव में कहा गया है कि कोविड पॉजिटिव के बाद रिकवर हुए लोगों को 3 से 9 महीने बाद टीके की पहली डोज दी जाए. एनटीएजीआई के इस सुझाव को कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजी जायेगी.

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टीकों के बीच के अंतराल बढ़ाने के सभी मामले कोविशील्ड के लिए देखने को मिले हैं. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के लिए इस अंतर को शुरुआत में जितना रखा गया था, आज भी उतना ही है. पहली बार जब सरकार ने अंतराल बढ़ाया था, वह भी कोविशील्ड के लिए ही था. लेकिन कोविड के मरीजों के लिए प्रतिक्षा अवधि बढ़ाने की सिफारिश दोनों वैक्सीन पर लागू हो होगी.

एनटीएजीआई ने यह भी कहा था कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है. इसी प्रकार स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं. सरकार ने पहले यह भी स्पष्ट कर दिया था कि मासिक धर्म के दौरान भी महिलाएं कोरोना का टीका लगवा सकती हैं.

Posted By: Amlesh nandan.

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