आजादी का अमृत महोत्सव: जेल में बंद कैदियों को मिलेगी विशेष छूट, जानें गृह मंत्रालय ने क्या कहा
50 साल से अधिक आयु की जिन महिलाओं और ट्रांसजेंडर का जेल में व्यवहार अच्छा है, उनकी सजा सरकार चरणबद्ध तरीके से कम करने की योजना बना रही है. गृह मंत्रालय ने बताया कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत यह कदम उठाया जाएगा.
सरकार 50 साल से अधिक आयु की उन महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की सजा चरणबद्ध तरीके से कम करने की योजना बना रही है, जिनका व्यवहार अच्छा है. गृह मंत्रालय ने बताया कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत यह कदम उठाया जाएगा. सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के उन पुरुष कैदियों और दिव्यांग बंदियों को भी इस योजना का लाभ देगी, जिन्होंने अपनी आधी से अधिक सजा पूरी कर ली है, जो गरीब या जरूरतमंद कैदी सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन धन के अभाव में जुर्माना नहीं भर पाने के कारण अब भी जेल में हैं, उन्हें भी जुर्माने से छूट का लाभ दिया जाएगा.
गृह मंत्रालय ने कही ये बात
गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें मौत या आजीवान कारावास की सजा दी गई है, या जिन पर बलात्कार, आतंकवाद, दहेज हत्या और धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं. विस्फोटक अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और अपहरण विरोधी अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए लोगों के अलावा मानव तस्करी के लिए दोषी ठहराए गए कैदियों को भी यह छूट नहीं दी जाएगी.
जेल में क्षमता से अधिक कैदी
वर्ष 2020 के एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत के कारागारों में क्षमता से अधिक कैदी हैं. देश के कारागारों में 4.03 लाख कैदियों को रखने क्षमता है, जबकि इस समय कारागारों में लगभग 4.78 लाख कैदी हैं, जिनमें करीब एक लाख महिलाएं हैं. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि इन पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों को तीन चरणों में 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जाएगा.
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इन कैदियों को मिलेगा फायदा
मंत्रालय ने कहा है कि 50 साल या उससे अधिक आयु की महिला एवं ट्रांसजेंडर कैदियों, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष कैदियों, 70 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले दिव्यांगों को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के तहत चलाई जा रही योजना के तहत रिहा किया जा सकता है, बशर्ते वे आधी सजा काट चुके हों और उनका व्यवहार अच्छा हो. इसमें कहा गया है कि नागरिक प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तरीय समिति द्वारा गहन जांच किए जाने के बाद कैदियों को रिहा करने पर विचार किया जाना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि अपनी आधी सजा काट चुके जिन व्यक्तियों ने 18 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के दौरान अपराध किया है और उनके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है, उन्हें भी विशेष छूट देने पर विचार किया जाएगा. (भाषा)