नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है. सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, कोरोना टीके की पहली खुराक ले चुके लोगों को अब दूसरी खुराक लेने के लिए मोबाइल पर कॉल करके याद नहीं दिलाया जाएगा, बल्कि लोगों को खुद ही दूसरी खुराक लेने के लिए समय मांगना पड़ेगा. इसके पहले मोबाइल एप कोविन पर दूसरी खुराक के लिए खुद ही समय बुक कर दिया जा रहा था. ये बदलाव कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ने के कारण हुआ है.
देश में बड़े पैमाने पर कोरोना टीकाकरण अभियान चल रहा है. इस कड़ी में 1 करोड़ से भी ज्यादा की आबादी को कोरोना के टीके की दो खुराक दी जा चुकी है. इसी बीच एक नया सरकारी निर्देश आया, जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच 4-8 हफ्ते तक का गैप रखने की बात कही गई. इसके बाद से लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है. पहले ही दोनों खुराक ले चुके लोग सोच में पड़ गए हैं कि क्या इससे उनके भीतर एंटीबॉडी बनने पर कोई फर्क आएगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाने पर कोविशील्ड टीके का प्रभाव ज्यादा दिख रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि 28 दिन के फर्क पर दोनों खुराक ले चुके लोगों के भीतर एंटीबॉडी विकसित नहीं होती हैं. दरअसल, कोविशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का एजेडडी1222 संस्करण है. इस टीके के निर्माण के बाद भी लगातार रिसर्च हो रहा है. इसी दौरान पाया गया कि दोनों खुराक के बीच की अवधि को 12 सप्ताह तक बढ़ाने से टीके का प्रभाव बहुत बढ़ गया.
हालांकि, ये अलग-अलग देशों में अलग-अलग नतीजे देता दिखा. जैसे अमेरिका समेत कई देशों में दोनों खुराक 28 दिन के अंतराल पर लेने पर भी टीका लगभग 79 फीसदी तक प्रभावशाली दिखा. वहीं ब्रिटेन समेत ब्राजील जैसे देशों में 28 दिन पर ये प्रभाव 54.9 फीसदी दिखा. ऐसे में वैज्ञानिकों ने तय किया कि चूंकि खुराक का फर्क बढ़ाने पर कोई नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही है. इस लिहाल ये अंतराल बढ़ाया गया.
इसका मतलब ये नहीं है कि तयशुदा वक्त पर पहले ही कोविशील्ड के दोनों डोज ले चुके लोगों को इसका कोई नुकसान होगा. बात यहां नुकसान की नहीं, बल्कि ज्यादा से ज्यादा फायदे की है, जिसके कारण ये समय अंतराल में बदलाव किया गया. यहां तक कि ये भी देखा जा रहा है कि गंभीर मामलों में कोविशील्ड ज्यादा बेहतर ढंग से काम कर रहा है. हालांकि फिलहाल वैज्ञानिकों के पास इसके पक्के प्रमाण नहीं हैं.
इसके लिए सरकार ने कोविन पोर्टल बना रखा है. वहां अपना पिन कोड डालते ही आपको अपने घर के सबसे करीबी कोविड वैक्सिनेशन सेंटर की पूरी जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा पोर्टल पर बुक किए बगैर आप सीधे भी सेंटर पर जा सकते हैं. वहां ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी होती है.
वैक्सीन का पूरा फायदा लेने के लिए ये जरूरी है कि दोनों खुराकें ली जाएं. वरना एंटीबॉडी पूरी तरह से विकसित नहीं होंगी और बीमारी का खतरा बना रहेगा. जिस वैक्सीन की आप एक डोज ले चुके हैं, उसकी ही दूसरी डोज लेनी होगी. वैसे दोनों अलग-अलग डोज लेने पर भी शोध हो रहा है. इसे हेट्रोलॉगस प्राइम बूस्टिंग कहा जाता है. इसके तहत एक वैक्सीन लेने के बाद बूस्टर में किसी दूसरे ब्रांड की वैक्सीन लेने पर एंटीबॉडी ज्यादा प्रभावी हो जाती हैं. हो सकता है कि बूस्टर में दूसरी वैक्सीन लेने पर इम्यून सिस्टम तेजी से प्रतिक्रिया देता हो लेकिन इसका अलग असर भी हो सकता है. फिलहाल इस बारे में शोध चल रहे हैं.
नई सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक पहली खुराक के 6 से 8 हफ्ते के बाद ही कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाई जाएगी. पहले ये अंतराल 28 दिनों का था. अब बदलाव के कारण कोविन से आपके मोबाइल पर तारीख तय करके वैक्सीन लगवाने के लिए बुलावा नहीं आएगा, बल्कि आपको खुद ही पोर्टल पर जाकर अपने लिए तारीख तय करनी होगी या फिर सीधे सेंटर पर जाकर भी बात कर सकते हैं. इसके लिए अपने पहचान पत्र के अलावा वह सर्टिफिकेट भी ले जाएं, जो पहली खुराक के बाद आपको दिया गया था.
वैसे तो कोविन पोर्टल काफी बेहतरीन ढंग से काम कर रहा है और आम लोग इस पर आसानी से रजिस्टर कर रहे हैं. इसके बाद भी अगर रजिस्ट्रेशन में कोई समस्या आए, तो नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कॉल किया जा सकता है. यहां सारी सूचनाएं मिल जाएंगी.
Posted by : Vishwat Sen