नई दिल्ली : भारतीय संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में सरकार आज महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराएगी. देश में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमत और अभी हाल ही में जीएसटी परिषद की बैठक में गेहूं-चावल, आटा-दाल, दूध-दही जैसी वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में वृद्धि को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर बना हुआ है. लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही है. विपक्ष के दो दर्जन से अधिक नेताओं को दोनों सदनों से एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही दो सप्ताह तक बाधित रहने के बाद सोमवार से दोनों सदनों के सुचारू रूप से चलने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को लोकसभा में महंगाई पर चर्चा होगी. इसके साथ ही, कल यानी मंगलवार को राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी. पिछली 18 जुलाई से शुरू किया मानसून सत्र शुक्रवार 29 जुलाई तक विपक्ष के हंगामे की वजह से बाधित रहा. सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दल महंगाई और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के विषय पर चर्चा की मांग कर रहे है. इस विषय पर हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही कई दिनों तक बाधित रही.
रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में महंगाई पर चर्चा होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सवालों का जवाब दे सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई पर चर्चा के लिए लोकसभा में सोमवार को नियम 193 के तहत चर्चा होगी. वहीं, राज्यसभा में मंगलवार को नियम 176 के तहत चर्चा कराई जाएगी. इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस शिवसेना सांसद विनायक राउत और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में दिया है. वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद फौजिया खान ने नोटिस दिया था.
Also Read: 7th Pay Commission Exclusive: महंगाई भत्ते के आंकड़े का ऐलान, जानिए जून में कितनी होगी बढ़ोतरी
मंहगाई के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा होने के बाद विपक्ष अगले सप्ताह सशस्त्र बलों में भर्ती की नई ‘अग्निपथ’ योजना पर चर्चा की मांग उठा सकता है. सूत्रों ने बताया कि मंहगाई के मुद्दे पर चर्चा लोकसभा में सोमवार और अगले दिन राज्यसभा में सूचीबद्ध की गई है. विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि अग्निपथ योजना पर चर्चा की आवश्यकता के बारे में उनके बीच आम सहमति है. हालांकि, इस विषय पर उनके अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं. इस योजना के विरोध में देशभर में व्यापक हिंसक घटनाएं हुई थीं. मानसून सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने से पहले बमुश्किल 10 कार्य दिवस शेष हैं. ऐसे में, इस बात की संभावना बेहद कम है कि किसी भी सदन में अग्निपथ योजना पर बहस हो सकेगी.