नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने भारत में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) स्थापित करने का फैसला किया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि सरकार संसद के मानसून सत्र में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक 2023 पेश करेगी.
विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अधिनियम का स्थान लेगा नया कानून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. उन्होंने बताया कि इस विधेयक के पारित होने पर अस्तित्व में आने वाला कानून वर्ष 2008 के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड अधिनियम का स्थान लेगा.
संचालन समिति का किया जाएगा गठन
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की गतिविधियों को उच्चस्तरीय रणनीतिक गति प्रदान करने के लिए एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा. इसमें सदस्य के रूप में 15 से 25 जाने-माने शोधकर्ता और पेशेवर होंगे. संचालन समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद का भी गठन किया जाएगा.
पांच साल में मुहैया कराए जाएंगे 50,000 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि इसके लिए वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल की अवधि के लिए 50 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे. इसमें से 14 हजार करोड़ रुपये भारत सरकार देगी, जबकि बाकी के 36 हजार करोड़ रुपये उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, लोकोपकार दान आदि से जुटाया जाएगा.