नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोरोना से हुई मौत के मुआवजे का दावा पेश करने के लिए उसने एक समयसीमा निर्धारित की है. उसने सर्वोच्च अदालत से यह भी कहा कि उसने 24 मार्च को दिए गए आदेश के आलोक में यह समयसीमा निर्धारित किया है. सरकार ने कोर्ट से कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से 20 मार्च से पहले हुई मौत के लिए 60 दिनों के अंदर दावा पेश करना है, जबकि भविष्य में किसी भी मौत के लिए अनुग्रह राशि प्राप्त करने का दावा पेश करने के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को यह भी बताया कि दावों का निपटारा करने और दावे की प्राप्ति की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर मुआवजे का वास्तविक भुगतान करने के लिए पहले के आदेश को लागू किया जाना जारी रहेगा.
हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि अत्यधिक कठिनाई के मामले में जहां कोई दावेदार निर्धारित समय के भीतर आवेदन नहीं कर सकता है, दावेदार के लिए शिकायत निवारण समिति से संपर्क करने और पैनल के माध्यम से दावा करने के लिए खुला होगा, जिस पर विचार किया जाएगा.
इस पर सरकार ने कहा कि मामले के आधार पर और यदि समिति द्वारा यह पाया जाता है कि कोई विशेष दावेदार निर्धारित समय के भीतर दावा नहीं कर सकता है, तो योग्यता के आधार पर विचार किया जा सकता है.
इसके अलावा, अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि फर्जी दावों के जोखिम को कम करने के लिए दावा आवेदनों में से 5 प्रतिशत की जांच पहली बार में की जानी चाहिए. यदि यह पाया जाता है कि किसी ने फर्जी दावा किया है, तो उस पर डीएम अधिनियम, 2005 की धारा 52 के तहत विचार किया जाना चाहिए और उसके आधार पर दंडित किया जाना चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 861 नए मामले दर्ज किए गए. इसके साथ देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 4,30,36,132 हो गई है, जबकि बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या 5,21,691 हो गई है. हालांकि, संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या और कम होकर 11,058 हो गई है.