एंड्रॉयड और एपल के आईओएस के बाद अब सरकार एक सरकारी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने का विचार कर रही है. इस संबंध में शुरुआती फैसले लेने शुरू कर दिये गये हैं और सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस संबंध में जानकारी दी है जिसमें उन्होंने बताया है कि सरकार उद्योग के लिये गूगल के एंड्रॉयड और एपल के आईओएस के विकल्प के रूप में एक स्वदेशी ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ बनाने पर विचार कर रही है.
चंद्रशेखर ने ‘पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया है कि दो ऑपरेटिंग सिस्टम…गूगल के एंड्रॉयड और एपल के आईओएस… का दबदबा है. ये हार्डवेयर परिवेश को भी परिचालित कर रहे हैं. इस वक्त कोई तीसरा ‘ऑपरटिंग सिस्टम’ नहीं है. कई मायनों में एक नया हैंडसेट ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ बनाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार के स्तर पर काफी दिलचस्पी है. हम लोगों से बात कर रहे हैं. हम इसके लिए एक नीति पर गौर कर रहे हैं.
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ उद्योग निकाय आईसीईए (इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन) द्वारा तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर दृष्टिकोण पत्र का दूसरा खंड जारी किया. संगठन के सदस्यों में एपल, लावा, फॉक्सकॉन, डिक्सन आदि शामिल हैं. दस्तावेज में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को 75 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से 2026 तक 300 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचाने को लेकर रूपरेखा पेश की गई है.
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट बहुत सटीक है जो बताती है कि 300 अरब डॉलर कहां से आएंगे, उद्योग को क्या करना है और सरकार को क्या करना है. यह एक उदाहरण है कि कैसे उद्योग और सरकार को देश के लिए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए. उत्पादन 300 अरब डॉलर और निर्यात 120 अरब डॉलर का होगा. यह अब सरकार का उद्देश्य है.” फिलहाल, देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात लगभग 15 अरब डॉलर का है.