पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग गठित, लोकसभा में गृह राज्यमंत्री ने दी जानकारी
Nityanand Rai to Lok Sabha on Delimitation केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में मंगलवार को परिसीमन पर जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को परिसीमन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
Nityanand Rai to Lok Sabha on Delimitation केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में मंगलवार को परिसीमन पर जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को परिसीमन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य हितधारकों में जम्मू-कश्मीर के चुनाव आयुक्त भी शामिल हैं. नित्यानंद राय ने कहा कि आयोग का प्रयास उक्त अभ्यास को जल्द से जल्द पूरा करना है.
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद अब इस केंद्र शासित प्रदेश में सात विधानसभा सीटें बढ़नी हैं. परिसीमन एक देश या एक प्रांत की सीमाओं या संसदीय क्षेत्रों का नए सिरे गठन होता है. जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पहले विधानसभा में 87 सीटें थीं. इनमें लद्दाख की चार सीटें शामिल थीं. इसके अलावा गुलाम कश्मीर की 24 सीटें रिक्त रखी जाती थीं. इस तरह कुल 111 सीटें थीं.
GoI has formed Delimitation Commission headed by Justice (Retd.) Ranjana Prakash Desai. Other stakeholders include J&K Election Commissioner… The endeavour of Commission is to complete the said exercise as early as possible: MoS Home Nityanand Rai to Lok Sabha on delimitation pic.twitter.com/NhqkG9Kxvv
— ANI (@ANI) December 7, 2021
अब लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है. ऐसे में पुनर्गठन के बाद लद्दाख की चार सीटें कम हो गईं. इस तरह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 107 सीटें रह गईं. परिसीमन के बाद राज्य में सात सीटें बढ़ेंगी और इनकी संख्या बढ़कर 114 हो जाएंगी. गुलाम कश्मीर की 24 सीटें ही कायम रहेंगी. मालूम हो कि यह परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर ही होगा.
वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में आतंकी वित्त पोषण के कितने मामलों को जांच के लिए एनआईए को सौंपे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2018 में एनआईए को ऐसे 18 मामले सौंपे गए. वहीं, साल 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 14 रही है. इसके बाद एजेंसी को 2020 में 23 मामले दिए गए और नवंबर 2021 तक नौ मामले दिए जा चुके हैं.
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