नई दिल्ली : लोकसभा में बुधवार को कार्यवाही के दौरान हंगामा करने के दौरान पीठासीन अधिकारी और केंद्रीय मंत्रियों को पेपर फाड़कर फेंकने वाले विपक्ष के 10 सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. मीडिया की खबरों के अनुसार, कांग्रेस और टीएमसी के खिलाफ मोदी सरकार सदन में निलंबन का प्रस्ताव लाएगी. कांग्रेस और टीएमसी के जिन सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है, उनमें मानिक टैगोर, डीन कुरियाकोस, हिबी ईडन, एस ज्योइमणि, रवनीत बिट्टू, गुरजीत औजला, टीएन प्रतापन, वी वैथीलिंगम, सप्तगिरी शंकर, एएम आरिफ, दीपक बैज शामिल हैं. ये सांसद नियम 374 (2) के तहत निलंबित किए जा सकते हैं.
लोकसभा में बुधवार को उस वक्त स्थिति अनियंत्रित हो गई, जब विपक्षी सदस्य पेगासस और किसानों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी और तख्तियां लेकर सदन के वेल में आ गए. पेगासस जासूसी विवाद और किसानों के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच सदन को तीन बार के लिए स्थगित कर दिया गया. पहली बार 12:10 बजे से 12.30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक और तीसरी बार दोपहर 2:30 बजे तक के लिए स्थगित किया गया.
हालांकि, गतिरोध के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही जारी रखा. यह पहली बार था, जब लोकसभा ने 19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में प्रश्नकाल पूरा किया. बुधवार को जब लोकसभा में कार्रवाई के दौरान कागजात रखे जा रहे थे, तभी कांग्रेस सदस्य गुरजीत औजाला, टीएन प्रतापन, हिबी ईडन और कुछ अन्य लोगों ने कागजात, कुछ फटे कागज और तख्तियां अध्यक्ष के आसन की ओर फेंक दीं. फटे हुए तख्ती का एक टुकड़ा लोकसभा अध्यक्ष के आसन के ठीक ऊपर प्रेस गैलरी में गिरा.
पेगासस जासूसी विवाद और असम-मिजोरम विवाद जैसे मुद्दों पर केंद्र को घेरने की रणनीति तैयार करने के लिए 14 विपक्षी दलों ने बुधवार को बैठक की. 14 दलों में आम आदमी पार्टी (आप) भी थी जो अब तक किसी भी संयुक्त विपक्षी रणनीति का हिस्सा नहीं रही है. हालांकि, बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने भाग नहीं लिया, क्योंकि सांसद उसी समय ममता बनर्जी से मिल रहे थे.
Posted by : Vishwat Sen