कई राज्यों में आतंक मचाने के बाद टिड्डी दल ने राजस्थान के जैसलमेर में बोला धावा
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में आतंक मचाने के बाद टिड्डियों के झुंड ने राजस्थान के जैसलमेर में धावा बोल दिया है. बड़ी संख्या में टिड्डियों के दल को आसमान में उड़ने देखे गये.
नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में आतंक मचाने के बाद टिड्डियों के झुंड ने राजस्थान के जैसलमेर में धावा बोल दिया है. बड़ी संख्या में टिड्डियों के दल को आसमान में उड़ने देखे गये.
पिछले दिनों टिड्डी दल के हमले से बचाव के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने जहां एक तरफ भारी मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव किया तो वहीं दूसरी तरफ लोगों ने थाली और तेज संगीत बजाकर भी इन्हें भगाने का प्रयास किया.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, टिड्डियों के झुंड के बिहार और ओडिशा तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन दक्षिण भारत में इन कीटों के पहुंचने की संभावना कम है. एफएओ ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में, भारत में टिड्डियों के वयस्क समूहों का आना हुआ है और ये भारत-पाकिस्तान सीमा से पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं.
#WATCH A swarm of desert locusts, which is a type of a species of short-horned grasshoppers, hit Rajasthan's Jaisalmer area. pic.twitter.com/VvKH7tEgXG
— ANI (@ANI) May 31, 2020
एफएओ ने ताजा सूचना में कहा कि टिड्डियों के झुंड उत्तरी भारत की ओर चले गए हैं. राजस्थान के पश्चिम भाग से आये टिड्डियों के समूह राज्य के पूर्वी हिस्से तथा मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे मध्यवर्ती राज्यों की ओर बढ़ रहे हैं. हरियाणा ने पड़ोसी राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में टिड्डी दल के फसलों पर हमले के बाद सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है.
इस बीच, पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में घुसी टिड्डियों के हमले से राजस्थान के जिलों का लगभग 90,000 हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण दलों द्वारा किये गये कीटनाशक छिड़काव के बाद टिड्डियां श्रीगंगानगर से चलकर नागौर, जयपुर, दौसा, करौली और सवाई माधोपुर और अन्य क्षेत्रों से गुजरती हुई उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ओर बढ़ गई.
कृषि विभाग के आयुक्त ओम प्रकाश ने बताया कि टिड्डियों के हमले से श्रीगंगानगर में लगभग 4,000 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल को नुकसान हुआ वहीं नागौर में 100 हेक्टेयर भूमि की फसल को चट कर दिया.
हालांकि, उत्तर प्रदेश में झांसी सहित कुछ जिलों में बुधवार शाम पहुंचे टिड्डी दल में शामिल लाखों कीटों को रसायनों के गहन छिड़काव की मदद से नष्ट कर दिया गया. बचे हुए टिड्डी झुंड को भगाने की कोशिशें जारी है.
इससे पहले, एफएओ के महानिदेशक क्यू डोन्ग्यू ने 22 मई को आगाह किया था कि रेगिस्तानी टिड्डियों को नियंत्रित करने के प्रयासों में समय लगेगा. आने वाले महीनों में, इथियोपिया, केन्या और सोमालिया में रेगिस्तानी टिड्डियों के दल प्रजनन जारी रखेंगे. जून में नये टिड्डे बनेंगे और दक्षिण सूडान से सूडान में जाएंगे और पश्चिम अफ्रीका में सहेल के लिए खतरा पैदा करेंगे.
भारत-पाकिस्तान सीमा के दोनों तरफ खतरा बढ़ गया है. ईरान और पाकिस्तान में प्रकोप अभी भी जारी है. नियंत्रण के तमाम प्रयासों के बावजूद, हाल ही में भारी बारिश ने कई देशों में कीटों के प्रजनन के लिए आदर्श स्थिति पैदा की है.
टिड्डियों के हमले का मुकाबला करने के लिये नये आविष्कारों पर ध्यान दिया जा रहा है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में टिड्डियों के हमले का मुकाबला करने के लिये नये-नये आविष्कारों पर ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही, इसने यह भी याद दिलाया है कि एक छोटा सा जीव कितना बड़ा नुकसान कर सकता है.
प्रधानमंत्री ने अपने रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा, एक तरफ़ जहां पूर्वी भारत तूफान (चक्रवात) से आई आपदा का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, देश के कई हिस्से टिड्डियों के हमले से प्रभावित हुए हैं. इन हमलों ने फिर हमें याद दिलाया है कि ये छोटा सा जीव कितना (बड़ा) नुकसान कर सकता है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि टिड्डी दल का हमला कई दिनों तक चलता है, बहुत बड़े क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ता है.
मोदी ने कहा, चाहे वह भारत सरकार हो, राज्य सरकार हो, कृषि विभाग हो, या फिर प्रशासन ही क्यों न हो, सभी इस संकट के नुकसान से बचने तथा किसानों की मदद करने के लिए आधुनिक संसाधनों का भी उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, नये-नये आविष्कारों की तरफ भी ध्यान दिया जा रहा है. मुझे विश्वास है कि हमारे कृषि क्षेत्र पर जो यह संकट आया है, उससे हम सब मिल कर लोहा लेंगे और बहुत कुछ बचा लेंगे.
Posted By : arbind kumar mishra