लॉकडाउन के बाद आठ महीने में पहली बार एक लाख करोड़ हो सकता है GST कलेक्शन, सरकार को मिलेगी राहत

कोरोना महामारी (coronavirus Pandemic) के कारण लागू किये गये लॉकडाउन के कारण पहली बार आठ महीनों में माल एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. बता दे की जीएसटी को आर्थिक स्वास्थ्य का बैरोमीटर माना जाता है. जीएसटी से जुड़े अधिकारियों ने यह आकलन किया है कि इस बार जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2020 8:20 AM

कोरोना महामारी के कारण लागू किये गये लॉकडाउन के कारण पहली बार आठ महीनों में माल एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है. बता दे की जीएसटी को आर्थिक स्वास्थ्य का बैरोमीटर माना जाता है. जीएसटी से जुड़े अधिकारियों ने यह आकलन किया है कि इस बार जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है.

जीएसटी संग्रह को लेकर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह अमुमान लगाया जा रहा है कि अब जीएसटी में बढ़ोतरी की उम्मीद है. क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयी है. कारोबार सामान्य हो रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि त्योहारी सीजन के कारण घरेलू मांग में तेजी आयी है. बाजार में तेजी बढ़ी है.

अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने से अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है. इसकी फाइलिंग करदाता जीएसटी फॉर्म नंबर 3 बी (जीएसटीआर -3 बी) के माध्यम से करेंगे. पिछले महीने की रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर रखी गयी है. वहीं एक अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष इस समय 1.1 मिलियन से अधिक जीएसटीआर -3 बी रिटर्न दाखिल किए गए थे. जो इस वर्ष 4 अक्टूबरतक 485,000 की तुलना में अधिक है.

ऐसे समय में जीएसटी ककेक्शन में उछाल आना सरकार के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि सरकार राज्यों की 2.35 लाख रुपये की जीएसटी भारपाई के लिए सरकार 1.1 लाख करोड़ रुपये का लोन ले रही है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महमारी के कारण 25 मार्च से देश में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था. यह 68 दिनों तक चला था. इस लॉकडाउन के कारण निर्माण क्षेत्र में सेवा क्षेत्र में काफी गंभीर असर पड़ा था. क्योंकि सभी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद हो गयी थी. पर इसके बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन में छूट मिलती गयी जिसके कारण देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयी. लॉकडाउन के नियमों में ढील के बाद मार्च महीने के बाद सितंबर में पहली बार जीएसटी संग्रह में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी जो 95,480 करोड़ रुपये की थी.

एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व वसूली के लिए बनाये गये नये नियम जैसे ई-चालान और एआई के उपयोग के कारण जीएसटी संग्रह में वृद्धि होने की उम्मीद है. सरकार ने 1 अक्टूबर को सालाना 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले ई-चालान सिस्टम की शुरुआत की है. हालांकि 1 जनवरी तक टर्नओवर सीमा को 100 करोड़ रुपये तक कम किया जा सकता है.

Posted By: Pawan Singh

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