25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

GST Council meeting : राहुल गांधी का ‘गब्बर सिंह टैक्स’ अब बना ‘गृहस्थी सर्वनाश टैक्स’

राहुल गांधी ने वर्ष 2017 में गुजरात में आयोजित एक महासम्मेलन में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए GST को गब्बर सिंह टैक्स बताया था. उन्होंने सरकारी नीतियों की निंदा करते हुए जीएसटी को आम आदमी पर बोझ बताया था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीएसटी को आज ‘गृहस्थी सर्वनाश टैक्स’ बताया और केंद्र सरकार पर हमला किया. राहुल गांधी ने आज एक खबर को ट्‌वीट करते हुए लिखा है कि -लोगों की आमदनी घट रही है साथ ही रोजगार के अवसर भी कम हुए है. ऐसे में महंगाई का प्रहार लगातार बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीएसटी जो पहले ‘गब्बर सिंह टैक्स’ था वो अब ‘गृहस्थी सर्वनाश टैक्स’ बन चुका है और विकराल रूप धारण कर चुका है.

जीएसटी को 2017 में बताया था गब्बर सिंह टैक्स

राहुल गांधी ने वर्ष 2017 में गुजरात में आयोजित एक महासम्मेलन में नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया था. उन्होंने सरकारी नीतियों की निंदा करते हुए जीएसटी को आम आदमी पर बोझ बताया था. उन्होंने यह कहा था कि आम आदमी परेशान है, बेरोजगारी है महंगाई है उसपर जीएसटी के रूप में गब्बर सिंह टैक्स आ गया है.


डिब्बाबंद खाद्य सामग्री पर दही-पनीर पर लगेगा जीएसटी

गौरतलब है कि जीएसटी कौंसिल की कल आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगेगा. साथ ही चेक जारी करने के एवज में बैंकों की तरफ से लिये जाने पर शुल्क पर भी जीएसटी देना पड़ेगा.

होटल में रूकना हुआ महंगा

जीएसटी कौंसिल की बैठक के पहले दिन जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर जीओएम की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया. यह छूट फिलहाल डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है. इससे डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, पनीर, शहद, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मूरी, गुड़, सभी वस्तुएं और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसी प्रकार, चेक जारी करने पर बैंकों द्वारा लिये जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है.

Also Read: Vice President Election Date 2022: उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को, 5 जुलाई को जारी होगी अधिसूचना
इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करना अनिवार्य हुआ

राज्यों के भीतर सोने, आभूषण और मूल्यवान पत्थरों की आवाजाही को लेकर ई-वे बिल के संदर्भ में परिषद ने सिफारिश की है कि राज्य एक सीमा तय कर सकते हैं जिसके ऊपर इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करना अनिवार्य होगा. मंत्रियों के समूह ने सीमा दो लाख रुपये या उससे ऊपर रखने की सिफारिश की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें