गुवाहाटी HC ने नागालैंड सरकार के फैसले पर लगायी रोक, कुत्ते के मांस की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध
गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने बाजारों और रेस्तरां में कुत्ते के मांस के व्यावसायिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के नागालैंड सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले में राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने में विफल रहने के बाद अदालत ने 25 नवंबर को अंतरिम रोक जारी की थी.
गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने बाजारों और रेस्तरां में कुत्ते के मांस के व्यावसायिक आयात और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के नागालैंड सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. मामले में राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने में विफल रहने के बाद अदालत ने 25 नवंबर को अंतरिम रोक जारी की थी.
न्यायमूर्ति एस हुकाटो स्वू की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए आदेश सुनाया कि केस की अगली तारीख तक 4 जुलाई, 2020 तक लगाए गए आदेश पर रोक लगाई जा सकती है. कोर्ट ने राज्य के याचिकाकर्ताओं को अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को शीतकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध किया जाना है.
बता दें कि नागालैंड में मांस के लिए कुत्तों की बिक्री पर प्रतिबंध 4 जुलाई को लागू हो गया जब राज्य मंत्रिमंडल ने कुत्तों के दोनों पके हुए और बिना पके हुए मांस का व्यावसायिक आयात और व्यापार पर रोक लगा दी थी, साथ ही कुत्ते के बाजारों और कुत्ते के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.
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इस कदम ने नागा लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाओं को रोक दिया था. हालांकि, ऐसे कई नागा हैं, जो कुत्ते के मांस का सेवन नहीं करते हैं, इसे नागों और इस क्षेत्र के कुछ अन्य समुदायों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि कुत्ते के मांस का एक अलग ही औषधीय महत्व भी है.
प्रतिबंध के संबंध में कानूनी आधार और अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए 2 सितंबर को कोहिमा नगर परिषद के तहत लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों द्वारा कुत्तों को आयात करने और कुत्ते का मांस बेचने के लिए एक याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं का विचार है कि अधिसूचना को खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर गलत तरीके से व्याख्या और भरोसा किया गया है.
Posted By: Pawan Singh