Himachal Election Date: हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग, 8 दिसंबर को होगी गिनती
Assembly Election Date Announcement: चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता में सीईसी राजीव कुमार और ईसी अनूप चंद्र पांडे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 8 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में वर्तमान विधानसभा का अवधि खत्म हो रही है. इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव 12 नवंबर को होगी.
Himachal Election Date Announcement: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस प्रेस वार्ता में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की गयी. चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता में सीईसी राजीव कुमार ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 8 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में वर्तमान विधानसभा का अवधि खत्म हो रही है. इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 12 नवंबर को होगी. साथ ही वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होगी. साथ ही बता दें कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव एक ही चरण में सम्पन्न होगा. उन्होंने चुनाव के तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि नामांकन करने की आखिरी तिथि 25 अक्टूबर होगी वहीं, नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर होगी.
निष्पक्ष चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है चुनाव आयोग
सीईसी राजीव कुमार ने पीसी की शुरुआत में कहा कि अक्टूबर त्योहारों का महीना है और इसी में लोकतंत्र का त्योहार हम जोड़ रहे है. साथ ही प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि हम निष्पक्ष चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है. हमारा प्रयास है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए. साथ ही कहा गया कि नामांकन के दिन तक मतदाता सूची में नाम जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए चुनाव संचालित किए जाएंगे. साथ ही कुछ वोटिंग बूथ की कमान महिलाओं के हाथ में होगा.
1985 वाला इतिहास बदल सकता है समीकरण
हिमाचल प्रदेश का चुनावी समीकरण बहुत ही अलग है. 1985 के बाद से हर बार सत्ता परिवर्तन हुआ है. हर पांच साल पर कांग्रेस और बीजेपी की सरकार बारी-बारी से सत्ता में आई है. बात अगर पिछले चुनाव के परिणामों की करें तो 68 सीटों पर हुए इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 44 सीटें जीतकर बाजी मार ली थी. वहीं, कांग्रेस को 15 सीटों का नुकसान हुआ था और मात्र 21 सीटों पर सिमट कर रह गयी थी. बाकी बचे तीन सीटों पर निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों का कब्जा रहा था.