गुजरात में हुए चुनाव में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है. इसके बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इस चुनाव परिणाम का असर अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है. दरअसल, गुजरात में भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक में सेंध लगायी है. गुजरात में आदिवासी यानी एसटी की 27 सीटें हैं. वर्ष 2017 में इनमें से 15 सीटें कांग्रेस के खाते में गयी थी जबकि नौ सीटों पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया था. इस बार इसके उलट नजर आया. इन सीटों में 23 सीटें इस बार भाजपा के खाते में चली गयी हैं, वहीं तीन सीट कांग्रेस (बांसदा, खेडब्रह्मा और दांता) और एक सीट पर आप (देदियापाड़ा) ने जीत दर्ज की है.
यदि हम गु जरात की 13 एससी सीटों की बात करें तो 2017 के चुनाव में भाजपा को 7, कांग्रेस को 5 और अन्य के खाते में एक सीटें गयी थीं. वहीं इस बार के चुनाव में भाजपा ने 13 में से 12 सीटें अपने नाम कर ली हैं और कांग्रेस को एक सीट (दानीलिम्दा) से संतोष करना पड़ा है. इस चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान को लेकर कांग्रेस की चिंता बढ़ गयी है जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं.
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राजनीति के जानकारों की मानें तो गुजरात चुनाव परिणाम का असर आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात परिणाम का असर नजर आ सकता है. उपरोक्त राज्यों में भी आदिवासी वोट बैंक भाजपा की ओर खिसक सकता है. यहां बता दें कि मध्य प्रदेश में 21.10 प्रतिशत, गुजरात में 15 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 30.62 प्रतिशत और राजस्थान में 13.48 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या है.