गुजरात में हीरा कारोबारी ने BJP किया ज्वाइन, ‘आप’ का समर्थन वाले कर्मचारियों को दी बर्खास्त करने की धमकी
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर गुजरात के लोगों को कई तरह की छूट की पेशकश की है. भाजपा ने उनके चुनावी वादों को 'रेवड़ी' या मुफ्त का उपहार करार दिया है.
अहमदाबाद: गुजरात में अपने कर्मचारियों को आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करने और उसके लिए प्रचार करने से रोकने वाले हीरा कारोबारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है. गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. हीरा कारोबारी के इस कदम की आम आदमी पार्टी ने आलोचना करते हुए दावा किया कि भाजपा गुजरात के लोगों की निजी स्वतंत्रता पर अंकुश लगा रही है. सूरत के हीरा कारोबारी दिलीप धापा को मंगलवार शाम पार्टी मुख्यालय ‘श्री कमलम’ में भाजपा में शामिल किया गया. गुजरात के भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर हीरा कारोबारी दिलीप धापा के शामिल होने की एक तस्वीर शेयर की है.
कर्मचारियों को दी थी बर्खास्त करने की धमकी
गुजरात भाजपा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि मैं सूरत के हीरा व्यवसायी दिलीप धापा का श्री कमलम में भाजपा में स्वागत करता हूं. उन्होंने अपने कारखाने के कर्मचारियों को रेवड़ी बांटने वाली पार्टी का प्रचार करने से रोक दिया था और यह भी चेतावनी दी थी कि ऐसा करने वाले को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा. उन्होंने स्वेच्छा से ऐसा किया.
आप ने भाजपा पर किया हमला
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर गुजरात के लोगों को कई तरह की छूट की पेशकश की है. भाजपा ने उनके चुनावी वादों को ‘रेवड़ी’ या मुफ्त का उपहार करार दिया है. आप के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव इसुदान गढ़वी ने सीआर पाटिल पर एक ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा करने के लिए हमला किया, जो लोगों की निजी स्वतंत्रता अंकुश लगाना चाहता है.
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अपनी नौकरी खो रहे गुजराती
इसुदान गढ़वी ने अपने एक ट्वीट के जरिए कहा हे कि लोकतंत्र में लोग उस पार्टी को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसे वे वोट देना चाहते हैं. क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को सम्मानित करके गुजरात को गुंडाराज में बदलना चाहते हैं, जिसने लोगों के चुनने का अधिकार छीन लिया और कार्यकर्ताओं को उनकी नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी. उन्होंने दावा किया कि आपकी इतनी हीन मानसिकता कहां से आती है? एक तरफ आप लोगों को नौकरी नहीं दे सकते. अब आपके नेतृत्व में गुजराती अपनी नौकरी खो रहे हैं.